शिवसेना गंवाने के बाद उद्धव ठाकरे का क्या है अगला कदम
उद्धव ठाकरे समर्थक विधायकों-सांसदों के साथ करेंगे बैठक
चुनाव आयोग के फैसले पर उद्धव ठाकरे ने जतायी थी नाराजगी
National Desk:. चुनाव आयोग के एक फैसले के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में एकबार फिर हलचल तेज हो गई है। आयोग ने पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका देते हुए शिवसेना पर उनके दावे को खारिज कर दिया और बागी गुट यानी एकनाश शिंदे गुट को असली शिवसेना मान लिया। इस फैसले से जहां शिंदे गुट में खुशियों की लहर आई है। वहीं, उद्धव कैंप में निराशा है। चुनाव आयोग के फैसले के बाद शनिवार को उद्धव ठाकरे ने अपने समर्थक सांसदों एवं विधायकों की बैठक बुलाई है।
माना जा रहा है कि उद्धव ठाकरे अपने जनप्रतिनिधियों से इस मसले पर चर्चा करेंगे और आगे की रणनीति क्या होगी, इसकी रूपरेखा तय करेंगे। ठाकरे द्वारा अक्टूबर में चुनाव आयोग को लिखे खत के मुताबिक, उनके पास शिवसेना के 6 लोकसभा सांसद, 3 राज्यसभा सांसद, 14 विधायक और 7 एमएमसी का समर्थन है। मुंबई में शऩिवार को होने वाली बैठक में इन सभी के शामिल होने की संभावना है।
शिंदे के पास कितने सांसद और विधायक
साल 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के साथ गठबंधन कर चुनाव मैदान में उतरी शिवसेना को 56 सीटों पर सफलता मिली थी। विधानसभा चुनाव से पहले लोकसभा चुनाव में भी सेना ने बीजेपी के साथ चुनाव लड़ा था। लोकसभा चुनाव में शिवसेना को 18 सीटों पर जीत मिली थी, जिनमें से 12 सांसद एकनाथ शिंदे के साथ हैं। इसी तरह कुल 56 विधायकों में 40 विधायकों का समर्थन महाराष्ट्र सीएम शिंदे के पास है।
उद्धव ठाकरे ने फैसले पर जतायी थी नाराजगी
शुक्रवार को आए चुनाव आयोग के फैसले पर पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा था कि देश में लोकतंत्र समाप्त हो गया है। पार्टी किसकी है, अगर ये चुने हुए प्रतिनिधि ही तय करेंगे तो संगठन का क्या मतलब रह जाएगा। इलेक्शऩ कमीशन का यह फैसला लोकतंत्र के लिए घातक है। देश में सरकार की दादागिरी चल रही है। हिम्मत है तो चुनाव मैदान में आइये, चुनाव लड़िये। वहां जनता बताएगी कि कौन असली और कौन नकली है। हमारी लड़ाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है।
ठाकरे के हाथों से जा सकती है सैंकड़ों करोड़ की संपत्ति
चुनाव आयोग का फैसला अगर लागू हो जाता है तो उद्धव ठाकरे शिवसेना की संपत्तियों को गंवा देंगे। शिवसेना के पास 148.46 करोड़ की एफडी और 186 करोड़ रूपये की अचल संपत्ति है। राज्य में 82 जगहों पर शिवसेना का दफ्तर है। शिंदे गुट अब असली शिवसेना के रूप में जिसे कोषाध्यक्ष नियुक्त करेगा, उसके हस्ताक्षर से अब पार्टी के सारे वित्तीय लेन-देन होंगे। इस फैसले से उद्धव मातोश्री का एक हिस्सा भी गंवा सकते हैं, जिसे बाला साहेब ठाकरे अपनी वसीहत में शिवसेना के नाम कर गए हैं।