नई दिल्ली, ब्यूरो: लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा की ओर आ रहे चीनी हेलिकॉप्टरों को भारतीय वायुसेना ने खदेड़ दिया। चीन ने एलएसी पर एक बार फिर अपनी चालबाजी दिखानी शुरू कर दी है। ऐसे में भारतीय वायुसेना ने चीन को करारा जवाब देने के लिए लद्दाख में लड़ाकू विमानों की तैनाती की है। हाल ही में भारतीय क्षेत्र के करीब चीनी सैन्य हेलिकॉप्टर उड़ान भरते दिखाई दिए थे और वो भारतीय वायु क्षेत्र का उल्लंघन कर सकते थे। सरकार के शीर्ष सूत्रों ने न्यूज एजेंसी एएनआइ को बताया कि जैसे ही चीनी हेलिकॉप्टरों की आवाजाही शुरू हुई, भारतीय लड़ाकू विमानों को लद्दाख सेक्टर में सीमावर्ती क्षेत्रों में ले जाया गया। भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमान ने नजदीकी बेस कैंप से उड़ान भरी थी। बताया गया है कि अभी चीनी हेलिकॉप्टर ने भारतीय वायु क्षेत्र का उल्लंघन नहीं किया है।
एएनआइ के सूत्रों के मुताबिक, चीनी सैन्य हेलिकॉप्टर वास्तविक नियंत्रण रेखा के बहुत करीब से उड़ान भर रहे थे। चीनी हेलीकॉप्टर की इस मूवमेंट को रोकने के लिए भारत के वायु सेना के लड़ाकू विमानों ने इलाके में गश्त लगाई।
चीन ऐसे समय सीमा पर भारत की मुश्किल बढ़ा रहा है, जब कोरोना वायरस के संक्रमण से देश जूझ रहा है। हालांकि, भारतीय सेना किसी भी दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए हर समय तैयार रहती है। पिछले हफ्ते ही चीन के सैनिक भारतीय सेना से उलझ गए थे। इसके बाद 150 से अधिक चीनी सेना के सैनिकों ने भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की कोशिश की थी। इसकी जानकारी सरकार द्वारा दी गई थी। हालांकि, यह पहला मौका नहीं, जब चीन की सेना ने भारतीय सेना के साथ एलएसी पर भिड़ने की कोशिश की हो। हां, सूत्रों की मानें ऐसा काफी लंबे समय बाद हुआ है, जब भारत ने लड़ाकू विमानों को तैनात करके वायु क्षेत्रों का उल्लंघन करने के चीनी प्रयासों का जवाब दिया है।
बता दें कि बीते एक सप्ताह में भारत और चीन की सेनाओं का कई बार आमना-सामना आ गईं। माना जाता है कि चीनी के हाल में इस बदले तेवर का कारण पाकिस्तान का समर्थन करने के साथ-साथ कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर लग रहे आरोपों से दुनिया का ध्यान भटकाने की है। दरअसल, अमेरिका समेत ज्यादा देश इस महामारी के लिए चीन को दोषी ठहरा रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि अगर चीन समय रहते, दुनिया को कोरोना वायरस के संक्रमण की जानकारी दे देता, तो स्थिति इतनी खराब नहीं होती।