लखनऊ में बनेगा नया विधान भवन
विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस होगा नया विधानभवन
2023-24 के बजट में 50 करोड़ रूपए की व्यवस्था की गई है
Up Desk: उत्तर प्रदेश विधानभवन का एड्रेस 2027 तक बदल जाने की उम्मीद है। सरकार विधानसभा के लिए नए भवन का निर्माण कार्य प्रारंभ करेगी। माना जा रहा है कि बढ़ती जरूरतों के मुताबिक जगह कम होने और आसपास बढ़ते यातायात के दबाव को देखते हुए सरकार ने नया भवन बनाने का फैसला लिया है। यानी शहर के बीचोंबीच स्थित उत्तर प्रदेश विधानभवन की पहचान अगले कुछ सालों में बदल जाएगी। विधानमंडल के बजट सत्र के दौरान उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि विधायकों के लिए लखनऊ में नए विधानसभा भवन का निर्माण प्रारंभ किया जाएगा। हालांकि इसका निर्माण कहां और कब से शुरू होगा, इस बारे में अभी कोई खुलासा नहीं किया गया है। इसकी कुल लागत के बारे में भी अभी जानकारी नहीं दी गई है।
विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस होगा नया विधानभवन
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि यूपी विधानसभा देश भर में विधायिका के लिए आदर्श साबित होगी। मौजूदा बजट में इसके लिए धनराशि का भी आवंटन किया गया है। प्रारंभिक रूप से इसके लिए 50 करोड़ रूपए की व्यवस्था की गई है। हालांकि नया विधानसभा भवन कहां होगा और इसकी लागत क्या होगी, इस सवाल पर कहा कि समय आने पर सब कुछ पता चल जाएगा और इसके लिए अभी इंतजार करें। माना जा रहा है कि विधायकों की संख्या बढ़ने के बाद यूपी विधानसभा भवन अब छोटा पड़ने लगा है, जिसकी वजह से नए विधानसभा भवन की जरूरत है।
सरकार को उम्मीद है कि 2027 के पहले नए भवन का निर्माण कार्य पूरा करा लिया जाएगा। नया भवन पर्यावरण फ्रेंडली, पूर्णतः भूकंपरोधी और आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा। इसमें सुरक्षा और सुविधा दोनों लिहाज से विश्वस्तरीय सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। गौरतलब है कि इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नए विधान भवन के निर्माण की घोषणा कर चुके हैं। जानकारी के मुताबिक नए विधान भवन के लिए स्थान जल्द ही चिन्हित कर लिया जाएगा, जिसे कनेक्टिविटी और स्पेस के लिहाज से सुगम बनाया जाएगा।
99 साल पहले रखी गई थी मौजूदा विधान भवन की नींव
शहर के बींचोबीच स्थित यूपी विधान भवन की मौजदा ऐतिहासिक इमारत 15 दिसंबर 1922 को बनना शुरू हुई थी। इसको बनने में करीब पांच साल लगे थे। इसकी डिजाइन में अवधी और यूरोपीय कला का मिश्रण किया गया था। 1935 के बाद जब विभागीय कार्यों का केंद्र लखनऊ बन गया, तो यहां से विधानसभा के कामकाज की शुरूआत हुई।