ठाणे में जोशीमठ जैसी स्थिति 5 इमारतों में आईं दरारें
लोगों को सुरक्षित घरों से निकाला गया
इमारत पूरी तरह जर्जर हो चुकी
महाराष्ट्र डेस्क: महाराष्ट्र के ठाणे जिले के डोंबवली में पांच इमारतों को प्रशासन ने पूरी तरह से खाली करा दिया है। बताया जा रहा है कि इमारतों के स्लैब ढीले हो गए हैं। साथ ही बिल्डिंग के खंभों में दरारें आ गई हैं। एक अधिकारी के मुताबिक, लगभग 250 परिवारों ने अपने आवास खाली किए हैं। वहीं, कुछ लोग इमारत के निर्माण में घटिया सामग्री के इस्तेमाल का आरोप लगा रहे हैं।
महाराष्ट्र के ठाणे जिले में भी उत्तराखंड के जोशीमठ जैसी स्थिति देखने को मिल रही है। ठाणे के डोंबिवली में एक आवासीय परिसर के अंदर स्थित इमारतों में दरारें देखी गई है। बताया जाता है कि इस परिसर में 5 इमारत है और पांचों में दरारें देखी गईं। इमारतों में दरारें नजर आई और उसके बाद इन इमारतों में रह रहे परिवारों को निकाल दिया गया। बताया जाता है कि कि करीब 250 परिवार इन इमारतों में रहते थे।
जैसे ही इमारतों में दरारें देखी गई, उसके बाद संबंधित अधिकारियों को इसकी सूचना दी गई। इसके बाद संबंधित अधिकारी मौके पर पहुंचे। अधिकारियों के अनुसार फायर ब्रिगेड की टीम भी इमारत का जायजा लेने के लिए अंदर पहुंची। फायर ब्रिगेड, पुलिस और नगर निगम के अधिकारी आवासीय परिसर में मौजूद हैं और जांच कर रहे हैं। बताया जाता है कि मकानों के छतों पर भी दरारें देखी गई हैं।
नामदेव चौधरी ने कहा कि कोई हताहत या घायल नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है और लोगों को सुरक्षा कारणों से परिसर से दूर रहने के लिए कहा गया है। हम सभी आवश्यक उपाय कर रहे हैं। घटना के बाद स्थानीय प्रशासन ने लोगों को पास के एक सरकारी स्कूल और मंदिरों में शरण लेने के लिए कहा है। हालांकि, कई लोग अपने रिश्तेदार के यहां चले गए हैं।
बताया जा रहा है कि इमारत में रहने वाले लोग अपने घरों से सामान निकालने के लिए पहुंचे। लेकिन, प्रशासन के अधिकारियों ने उन्हें इमारत में जाने साफ मना कर दिया। वहीं, स्थानीय लोगों ने ये भी कहा है कि इमारत पूरी तरह जर्जर हो चुकी है। इसे गिराना बहुत जरूरी है। स्थानीय लोगों में भवन बनाने वालों के खिलाफ लोगों में नाराजगी देखने को मिल रही है।
इस घटना के बाद हलचल भी तेज हो गई और लोग घटना को जोशीमठ से जोड़ने लगे। इस घटना को लेकर सिविक सब फायर ऑफिसर नामदेव चौधरी ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कहा, “इन पांचों इमारतों को साल 1998 में बनाया गया था। यह कल्याण डोंबिवली नगर निगम द्वारा बनाए गए खतरनाक इमारतों की सूची में नहीं है। इन इमारतों का एक बार फिर निरीक्षण किया जाएगा और फिर आगे कोई कदम उठाया जाएगा।”