इंडियन नेवी में शामिल होंगीं ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल
दुश्मनों को चकमा देने में माहिर
रक्षा मंत्रालय से जल्द मंजूरी की उम्मीद
नेशनल डेस्क: भारतीय नौसेना 200 से अधिक ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों को प्राप्त करने के लिए ऑर्डर देने जा रही है। इन मिसाइलों को भारतीय नौसेना के सभी अग्रिम पंक्ति के युद्धपोतों पर तैनात किया जाएगा। खास बात है कि यह ऑर्डर ब्रह्मोस एयरोस्पेस को दिया जाएगा। इसे स्वदेशी उद्योग के लिए एक बड़ी सफलता माना जा रहा है। भारत-रूस संयुक्त उद्यम कंपनी ने हाल ही में हाई लेवल की स्वदेशी सामग्री के साथ मिसाइल का परीक्षण किया है। कंपनी मिसाइल को स्वदेशी सीकर से भी लैस करने जा रही है।
‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ ने रक्षा सूत्रों के हवाले से कहा है कि मिसाइलों और उससे संबंधित खरीद प्रस्ताव को जल्द ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अगुवाई में होने वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) की बैठक में विचार के लिए रखा जाएगा। इसके बाद इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सुरक्षा समिति के पास अंतिम मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
वैसे तो भारत और रूस ने मिलकर इस मिसाइल को तैयार किया था, लेकिन डीआरडीओ ने इसे पूरी तरह से भारत की जरूरत के हिसाब से मॉडिफाई कर दिया है। साथ ही इसके ज्यादातर उपकरण भी स्वदेशी होते जा रहे हैं। ये मिसाइल जमीन, फाइटर प्लेन और युद्धपोत तीनों जगहों से दागी जा सकती है। साथ ही ये 200 किलो का वॉरहेड ले जाने में सक्षम है। इसके अलावा मिसाइल अपने लक्ष्य पर 4321 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हमला करके उसे तबाह कर सकती है। ये मिसाइल कम दूरी पर उड़ान भरकर आसानी से दुश्मन के रडार को चकमा दे सकती है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय नौसेना ने राजपूत क्लास डेस्ट्रॉयर आईएनएस रणवीर और आईएनएस रणविजय में 8 ब्रह्मोस मिसाइलों वाला लॉन्चर लगा रखा है। इसके अलावा ये आईएनएस कोलकाता, आईएनएस विशाखापट्टनम जैसे युद्धपोतों से दागी जा सकती है। इसका कई परीक्षण वायुसेना के सुखोई-30 विमान से भी हो चुका है।
इस मिसाइल प्रणाली को फिलीपींस में भी निर्यात किया जा रहा है। फिलीपींस मरीन कॉर्प्स के कर्मियों ने भी भारत में ब्रह्मोस फैसिलिटीज में ट्रेनिंग ली है और उनके अधिक बैचों को यहां प्रशिक्षित किया जाने वाला है।
अतुल राणे की अध्यक्षता वाली ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा निर्धारित पांच अरब डॉलर के निर्यात लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में भी काम कर रही है। ब्रह्मोस के अध्यक्ष ने कहा था कि फिलीपींस के साथ 375 मिलियन डॉलर के पहले निर्यात के बाद उनकी टीम 2025 तक पांच अरब डॉल का लक्ष्य लेकर चल रही है।