बीजेपी ने राहुल गांधी पर निशाना साधा
बीजेपी ने राहुल गांधी को बताया ‘आज का मीर जाफर’
राहुल गांधी द्वारा भारतीय लोकतंत्र को लेकर दिए गया था बयान
National Desk. ब्रिटेन में राहुल गांधी द्वारा भारतीय लोकतंत्र को लेकर दिए गए बयानों को लेकर बीजेपी का आक्रमक रूख जारी है। सत्तारूढ़ दल ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष के खिलाफ सियासी हमले तेज कर दिए हैं। संसद के अंदर और बाहर दोनों जगहों से उनके खिलाफ मोर्चा खोला जा चुका है। इस भाजपा ने अपने ताजा अटैक में राहुल गांधी को आज का मीर जाफर’ करार दिया है। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ.संबित पात्रा ने मंगलवार सुबह प्रेस कांफ्रेंस कर कांग्रेस सांसद पर जमकर निशाना साधा।
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संबित पात्रा ने कहा कि राहुल गांधी ने लंदन नें ठीक वही किया जो मीर जाफर ने किया था। मीर जाफर ने जो किया था नवाब बनने के लिए और जो राहुल गांधी ने लंदन में किया है, वो ठीक वही है। शहजादा नवाब बनना चाहता है…आज के मीर जाफर को माफी मांगनी ही पड़ेगी। शहजादे… ये नहीं चलेगा। बीजेपी ने स्पष्ट कर दिया है कि उसे राहुल की माफी से कम कुछ भी मंजूर नहीं है। पात्रा ने कहा कि ऐसा नहीं है कि राहुल बिना माफी मांगे निकल जाएंगे, माफी तो उन्हें मांगनी ही पड़ेगी और हम मंगवा कर ही रहेंगे।
भाजपा प्रवक्ता ने राफेल केस याद दिलाते हुए कहा कि राहुल गांधी को तब भी माफी मांगनी पड़ी थी। संबित पात्रा ने दावा किया है कि मंगलवार को संसद पटल पर कांग्रेस सांसद को माफी मांगनी ही पड़ेगी। उन्होंने विदेशी धरती पर जाकर भारत का अपमान किया है।
‘शहजादे और मीर जाफर’ जैसे शब्दों का चयन
मुस्लिम राजवंशों में राजुकमारों के लिए शहजादे शब्द का प्रयोग किया जाता रहा है। साल 2014 के आम चुनाव में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी राहुल गांधी के लिए इस शब्द का प्रयोग अपनी चुनावी रैलियों में जमकर किया करते थे। वह राहुल गांधी का नाम लेने के बजाय अपने तकरीरों में ‘शहजादे’ शब्द के जरिए उन पर निशाना साधते थे। जिसपर कांग्रेस की ओर से कड़ी आपत्ति भी जाहिर की गई थी।
वहीं, बात करें ‘मीर जाफर’ की तो भारतीय इतिहास में उसका नाम गद्दारों की सूची में दर्ज है। वर्तमान में भी राजनीति में अपने विरोधियों पर हमले के लिए समय-समय पर इस किरदार के नाम का इस्तेमाल होता रहता है। मीर जाफर बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला का सेनापति था। ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ प्लासी की जंग में उसने नवाब को धोखा दिया था। इस लड़ाई में मिली जीत ने भारत में ब्रिटिश शासन की नींव रख दी थी। मीर जाफर को उसकी गद्दारी का इनाम बंगाल के नबाव के तख्त के रूप में मिला। तभी से वह गद्दारी का पर्यायवाची बन गया है।