पीएम मोदी और वरिष्ठ मंत्रियों ने लोकसभा अध्यक्ष से की मुलाकात
हंगामे की वजह से संसद की कार्यवाही लगातार बाधित हो रही
अनुदान मांग के प्रस्ताव लोकसभा से पारित
नेशनल डेस्क: संसद में जारी गतिरोध के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके वरिष्ठ मंत्रियों ने गुरुवार शाम लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की। इस मुलाकात में प्रधानमंत्री के साथ उनके कैबिनेट के वरिष्ठ मंत्री राजनाथ सिंह, प्रह्लाद जोशी किरेन रिजिजू और अन्य शामिल थे। अभी तक मुलाकात के कारणों की जानकारी नहीं है। इसे एक शिष्टाचार भेंट माना जा रहा है। इस बात की भी संभावना है कि संसद में जारी गतिरोध पर भी चर्चा हो। बताते चलें कि विपक्षी दलों की तरफ से जारी हंगामे की वजह से संसद की कार्यवाही लगातार बाधित हो रही है।
कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों के नेताओं ने अडानी समूह से जुड़े मामले में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग करते हुए गुरुवार को संसद भवन परिसर में प्रदर्शन किया। विपक्षी सांसद संसद परिसर में मार्च करते हुए भीमराव अंबडेकर की प्रतिमा के सामने इकट्ठा हुए। उन्होंने जेपीसी की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
इससे पहले कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने के लिए आगे की रणनीति पर गुरुवार को चर्चा की। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के संसद भवन स्थित कक्ष में हुई बैठक में खरगे के अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश, डीएमके के टीआर बालू, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह और कई अन्य दलों के नेता शामिल हुए।
संसद में ‘विनियोग विधेयक, 2023’ लोकसभा में पारित हो गया। वहीं आज का दिन संसद में काफी हंगामे भरा रहा। सदन 24 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद पीएम मोदी ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से मुलाकात की। इस दौरान उनके साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आदि बड़े नेता थे। कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मोदी सरकार अडानी मामले में जेपीसी गठित करने की मांग स्वीकार करने के लिए तैयार हैं।
अगर जेपीसी बनती है तो बीजेपी के सदस्यों की संख्या ज्यादा होगी, विपक्ष के सदस्यों की संख्या कम होगी, फिर जेपीसी गठित करने में नुकसान क्या है? ’’उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘यह सरकार चाहती है कि संसद सदस्य रिकॉर्ड नहीं देखें, वह हर सूचना को गोपनीय रखना चाहती है, वह पारदर्शिता नहीं चाहती है। इसलिए वे लोकतांत्रिक संस्थाओं, लोकतांत्रिक तौर तरीकों और संविधान को खत्म करना चाहते हैं।’’ खरगे ने कहा, ‘‘हम डरेंगे नहीं, झुकेंगे नहीं। हम अपनी मांग जारी रखेंगे।’’