क्या त्यागी और जाट समाज की नाराज़गी पड़ेगी बीजेपी को भारी
मेरठ में जाटों की संख्या 1.26 लाख के करीब
त्यागी समाज का गुस्सा भाजपा के प्रति जाटों से कम नहीं
Up Nikay Chunav 2023: उत्तर प्रदेश के मेरठ में दूसरे चरण यानी 11 मई को मेरठ नगर निगम का महापौर चुना जाएगा। यहां सपा और आरएलडी के गठबंधन से सियासी समीकरण एकदम बदल गए हैं। गठबंधन महापौर समेत हर वार्ड में लड़ता हुआ दिखाई दे रहा है, हालांकि मेरठ में आज तक सपा महापौर चुनाव जीतने में कभी सफल नहीं हुई है। लेकिन 2017 के विपरीत इस बार जाट और त्यागी समाज भाजपा से अलग जाता दिख रहा है। इसकी वजह निकाय चुनाव में टिकट नाराजगी है। जाट समाज इसलिए नाराज है क्योंकि सत्तारुढ़ दल भाजपा ने किसी भी जाट को मेयर पर टिकट नहीं दिया। जाट समाज इससे खुद को अपमानित महसूस कर रहा है। वहीं त्यागी समाज की नाराजगी इससे भी बढ़कर यह है कि मेयर तो मेयर मेरठ में नगर निगम के 90 में से किसी भी वार्ड पर त्यागी कैंडिडेट को टिकट नहीं दिया गया है।
बात करें जाटों की तो मेरठ शहर में जैसा कि जाट महासभा के जिलाध्यक्ष रविंद्र मलिक कहते हैं -मेरठ शहर में जाटों की संख्या 1.26 लाख के करीब है। जो की ओबीसी वर्ग में सबसे ज्यादा है। रविंद्र मलिक कहते हैं- सत्तारुढ़ दल भाजपा ने किसी भी जाट को मेयर पर टिकट नहीं दिया। ये जाट समाज का अपमान है। जाट समाज के बीजेपी पार्टी से जुड़े अंकित चौधरी, सचिन सिरोही,डा तनुराज सिरोही जैसे प्रभावशाली जाट नेता कई लोग मेयर की टिकट की दौड़ में आखिरी समय तक रहे। लेकिन ऐन वक्त पर टिकट पंजाबी समाज के थमा दिया गया। इनमें अंकित चौधरी का तो मेरठ की छात्र राजनीति में काफी दबदबा रहा है।
गौरतलब है कि डीएन डिग्री कालेज छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष हैं। ऐसे में सपा-रालोद गठबंधन उम्मीदवार के मुकाबले वें मजबूत उम्मीदवार साबित हो सकते थे। बता दें कि सपा-रालोद गठबंधन की उम्मीदवार सीमा प्रधान सपा विधायक अतुल प्रधान की पत्नी हैं। अतुल प्रधान का चौधरी चरण सिंह विवि छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष होने के कारण मेरठ के छात्रों में काफी असर माना जाता है। लेकिन,क्योंकि अतुल प्रधान गुर्जर हैं उसके मद्देनजर जाट समाज के अंकित चौधरी अधिक प्रभावशाली साबित होते। इसकी वजह मेरठ शहर में जाटों के मुकाबले गुर्जर मतदाताओं की संख्या काफी कम यानी 30 हजार होना है। मेरठ में सबसे ज्यादा मुस्लिम वोटर हैं, जिनकी संख्या 4 लाख से ज्यादा हैं। उसके बाद एससी आते हैं जिनकी वोटर संख्या डेढ़ लाख है।
वहीं त्यागी समाज का गुस्सा भी भाजपा के प्रति जाटों से कम नहीं है। त्यागी भूमिहार ब्राहमण समाज मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री मांगेराम त्यागी कहते हैं- इतना बड़ा मेरठ नगर निगम है। 90 वार्ड हैं, लेकिन किसी भी वार्ड से भाजपा ने एक त्यागी को टिकट नहीं दिया। । मांगेराम त्यागी आगे कहते हैं- भाजपा ने त्यागी समाज का चक्रव्यूह बना दिया है। सवा लाख वोटों से राजेंद्र अग्रवाल को सांसद जिताया वहां एक त्यागी को टिकट नहीं। मुरादनगर में 18 हजार वोट त्यागियों ने दी। लेकिन भाजपा ने मान लिया कि त्यागी समाज इनका बंधुआ मजदूर है। अब हम निकाय चुनाव में मेरठ, गाजियाबाद में भाजपा का सूपड़ा साफ करके इनको आईना दिखाने का काम करेंगे।