भोपाल: लोकसभा चुनाव के लिए रणभेरी बज चुकी है। चुनाव आयोग ने रविवार को लोकसभा चुनाव 2019 का औपचारिक ऐलान कर दिया। दिल्ली के विज्ञान भवन में चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के नेतृत्व वाले NDA ने 337 सीटों पर जीत हासिल की थी। इसमें अकेले बीजेपी को 283 सीटों पर जीत मिली थी। लोकसभा चुनाव में 30 साल के बाद किसी एक पार्टी के बहुमत मिला था और प्रधानमंत्री की कुर्सी पर नरेंद्र मोदी विराजमान हुए थे।
चुनाव आयोग की बड़ी बातें
चुनाव आयोग ने प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में चार चरणों लोकसभा चुनाव होंगे 29 अप्रैल को होगी चुनाव के लिए वोटिंग प्रक्रिया शुरू की जाएगी और 23 मई के चुनाव परिणाम घोषित किए जाएंगे।
सात चरणों में होंगे लोकसभा चुनाव
- फेज़ 1 में 20 राज्यों के चुनाव होंगे
- फेज़ 2 में 13 राज्यों के चुनाव
- फेज़ 3 में 14 राज्यों के चुनाव
- फेज 4 में 9 राज्यों के चुनाव
- फेज़ 5 में 7 राज्यों के चुनाव
- फेज 6 में 7 राज्यों के चुनाव
- फेज़ 7 में 8 राज्यों के चुनाव
चार चरणों में होंगे मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव
- चौथे चरण में 29 अप्रैल को 6 सीटों पर चुनाव
- पांचवें चरण में 6 मई को 7 सीटों पर चुनाव
- छठे चरण में 12 मई को 8 सीटों पर चुनाव
- सातवें चरण में 19 मई को 8 सीटों पर चुनाव
लोकसभा चुनाव 2014
बात करें 2014 लोकसभा चुनाव की तो बीजेपी ने सबसे ज्यादा सीटें उत्तर प्रदेश में जीती थीं। यहा पर भाजपा ने 80 में से कुल 71 सीटें जीती थी और दो सीटें सहयोगी अपना दल ने जीती थी। बीजेपी का गढ़ कहे जाने वाले मध्यप्रदेश में भी बीजेपी ने 29 लोकसभा सीटों में से कुल 27 सीटों पर पर जीत दर्ज की थी। हालांकि रतलाम में हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी को हाराकर यह सीट अपने नाम कर ली। कांग्रेस की तरफ से मध्यप्रदेश में छिंदवाड़ा से कमलनाथ, गुना से ज्योतिरादित्य सिंधिया और रतलाम से कांतिलाल भूरिया सांसद हैं। मध्यप्रदेश में लोकसभा सीटों के हिसाब से कुल 29 सांसद हैं लेकिन हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में खजुराहो लोकसभा सीट से नागेंद्र सिंह और देवास लोकसभा सीट से मनोहर ऊंटवाल ने चुनाव लड़ा। जिसमें दोनों ने जीत दर्ज की औऱ लोकसभा से इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद लोकसभा की 2 सीटें अब खाली हो चुकी हैं। हालांकि कांग्रेस की सरकार बनने के बाद छिंदवाड़ा से सांसद कमलनाथ का मुख्यमंत्री बनाया गया जिसके कारण अब छिदंवाड़ा से उनका लोकसभा चुनाव लड़ना लगभग नामुमकिन ही है।