पंचामृत से प्रसन्न होते हैं शिव शंकर
शिव रक्षा स्तोत्र के पाठ से दूर होता है भय
पंचाक्षरी मंत्र से मिटते हैं कष्ट क्लेश
धर्म डेस्क: ज्योतिष शास्त्र में प्रत्येक देवी-देवताओं को सप्ताह का एक-एक दिन समर्पित है। अगर बात करें देवों के देव महादेव की, तो इन्हें सप्ताह का पहला दिन यानि सोमवार समर्पित है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन भोलेनाथ की पूजा अति शुभदायी मानी जाती है। परंतु बहुत से ऐसे लोग होते हैं जिन्हें इस बारे में जानकारी नहीं होती कि इनसे जुड़ी संपूर्ण व सटीक पूजन विधि क्या है।
तो बता दें ऐसे में आपको परेशान होने की आवश्यकता नहीं है कि क्योंकि प्रचलित धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए व्यक्ति के मन में सच्ची श्रद्धा का होना आवश्यक है। बल्कि कहा जाता है कि जो जातक श्रद्धा विश्ववास से शिवलिंग पर 1 लौटा जल भी अर्पित करता है, भगवान शंकर उसका भी जीवन खुशियों से भर देते हैं। ज्योतिष शास्त्र में सोमवार के दिन व भगवान शिव सेे जुड़े अनेकों अन्य उपाय बताए गए हैं, जिसे करने वालेे पर भगवान शंकर की कृपा अवश्य बरसती है।
आइए जानते हैं कौन-कौन से वो विशेष उपाय-
ज्योतिषशास्त्र के साथ-साथ वास्तु शास्त्र में बताया गयाा है कि भगवान शंकर की आराधना हमेशा उत्तर दिशा की ओर मुख करके करनी चाहिए। साथ ही साथ शिव जी के पंचाक्षरी मंत्र “ॐ नमः शिवाय” का जप करें। ध्यान रहे इस मंत्र का जप अपनी श्रद्धा अनुसार ही करें। इससे जीवन की तमाम सस्याओं से राहत मिलती है।
ज्योतिष विशेषज्ञ बताते हैं कि सोमवार कि दिन शिव जी के लिंग रूप यानि शिवलिंग पर शक्कर मिला गाय का शुद्ध व ताज़ा दूध अर्पित करने से भगवान शंकर प्रसन्न तो होते ही हैं, साथ ही साथ मानसिकों विकारों से छुटकारा मिलता है। इतना ही नहीं इस छोटे से उपाय को करने मात्र से कार्यक्षेत्र में तरक्की के योग बनते नज़र आते हैं।
तो वहीं पंचामृत से अभिषेक करना भी अधिक लाभदायक माना जाता है। इससे हर तरह के रोग से भी मुक्ति मिलती है। मगर इस बात का खास ध्यान रहे शिव जी को चढ़ाए जाने वाले पंचामृत में कभी भी तुलसी न डालें, क्योंकि शास्त्रों के अनुसार तुलसी शिव जी की पूजा में वर्जित मानी जाती है। इसके अलावा बताया ये भी जाता है कि यदि व्यक्ति अभिषेक करने के साथ-साथ ‘दारिद्रदहन शिव स्तोत्र’ का पाठ करता है तो और भी अधिक लाभ प्राप्त होता है, इसके जप से तमाम आर्थिक परेशानियां दूर होती हैं।
अगर आप इस दिन शिव रक्षा स्तोत्र का पाठ करते हैं तो ध्यान दें, इस दौरान आपका मुख उत्तर दिशा की तरफ़ ही हो। ऐसा करन से व्यक्ति को अपने हर प्रकार के भय से निजात मिलती है। साथ ही साथ आत्मविश्वास में भी वृद्धि होती है।
चूंकि शास्त्रों के अनुसार सोमवार का दिन शिव जी के साथ-साथ उनके मस्तक पर विराजमान चंद्र देेव को भी समर्पित है, इसलिए इस दिन दि‘चंद्रशेखर स्तोत्र’ का पाठ भी किया जा सकता है। कहा जाता है इससे कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मज़बूत होती है।