- एकादशी पर बन रहा है ये शुभ योग
- बेहद शुभ व लाभदायक है पद्म एकादशी
धर्म डेस्क: आज का दिन सनातन धर्म में बहुत ही विशेष माना जाता है, क्योंकि इस दिन परिवर्तिनी एकादशी बनाई जाती है। प्रत्येक वर्ष भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को यह पर्व मनाया जाता है जिसे पद्म में एकादशी भी कहते हैं। प्रत्येक एकादशी की तरह इस एकादशी को भी भगवान विष्णु का पूजन श्रेष्ठ रहता है। इनकी पूजा से इस दिन सारे पाप कर्म नष्ट होते हैं व मोक्ष की प्राप्ति होती है। ज्योतिषियों का मानना है कि इस बार एकादशी पर शुभ संयोग बन रहे हैं जिससे प्रत्येक जातक को अनेक प्रकार के लाभ प्राप्त हो सकते हैं। तो चलिए जानते हैं इस एकादशी बन रही है कौन से शुभ योग।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस बार परिवर्तन एकादशी पर द्वादशी तिथि भी लग रही है। सुबह 8:18 पर काशी का समापन हो चुका है जिसके बाद अब तो आज तिथि आरंभ हो गई है। इस तरह से एकादशी और द्वादशी का सहयोग इस बार एक ही साथ बन रहा है जिस कारण इस एकादशी का महत्व और भी अधिक बढ़ गया है।
इसके अलावा इस बार की परिवर्तिनी एकादशी पर आयुष्मान योग भी बन रहा है जो बहुत ही शुभ माना जाता है। कहा जाता है इस योग में किए गए प्रत्येक कार्य का फल शुभ ही होता है तथा कोई भी कार्य नहीं होता। ऐसे में इस दौरान जगत के पालन करता श्री विष्णु की पूजा करने से मनुष्यों को सभी तरह के कष्टों से मुक्ति मिलती है तथा जीवन में सुख समृद्धि के साथ-साथ खुशहाली भी है।
इस बार इस एकादशी तिथि किस समय और उत्सव भी चल रहा है, जिसमें भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा का विधान है। जिस कारण इस एकादशी का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। धार्मिक कथाओं के अनुसार वामन अवतार में ही भगवान विष्णु ने दो पग में ही पूरी पृथ्वी तथा ब्रम्हांड को नाप लिया था जिसके बाद तीसरे पग में राजा बलि ने अपना मस्तक आगे कर दिया था। जिसके उपरांत भगवान विष्णु ने राजा बलि को पाताल लोक में रहने का स्थान दिया। मान्यता है कि प्रत्येक वर्ष राजा बलि अपनी प्रजा से मिलने आते हैं जिस के उपलक्ष में उत्सव बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है।