- गणेश विसर्जन के लिए ये है शुभ मुहूर्त
- इन बातों का रखना पड़ता है खास ध्यान
धर्म डेस्क: प्रत्येक वर्ष गणेश चतुर्थी के दिन लोग अपने घरों में गणपति बप्पा को स्थापित करते हैं वह अपनी अपनी सामर्थ्य के अनुसार उनकी सेवा करते हैं। कोई इन्हें अपने घर 3 दिन रखता है कोई 5 दिन, कोई 7 दिन तो कोई पूरे 10 दिन। 11वें दिन यानि की अनंत चतुर्दशी को भक्ति भाग से व विधिवत पूजन कर गणपति बप्पा की प्रतिमा का पावन नदियों में विसर्जन कर दिया जाता है। धार्मिक शास्त्रों में जिस तरह से गणेश चतुर्थी के दिन इनके पूजन के विधि विधान के बारे में बताया गया है। ठीक उसी तरह विसर्जन के दौरान किस विधि से इनका पूजन करना चाहिए बारे में, भी उल्लेख किया गया है। बता दें इस बार गणेश विसर्जन 1 सितंबर दिन मंगलवार को होगा।
चलिए जानते हैं गणेश विसर्जन की विधि तथा इसका शुभ मुहूर्त-
अनंत चतुर्दशी के दिन प्रात उठकर स्नान आदि कर नए वस्त्र धारण करें। अगर नए वस्त्र संभव न हो तो साफ़-सुथरे वस्त्र धारण करें।
जिस प्रकार 10 दिन तक भगवान गणेश का पूजन किया व ठीक उसी प्रकार आज भी सबसे पहले इनका पूजन करें।
एक चौकी पर लाल पीला या नारंगी वस्त्र बिछाकर उस पर कुमकुम से स्वास्तिक बनाएं फिर इस पर चावल और फूल अर्पित कर नमन करें।
फिर इस चौकी पर बिछाए कपड़े के चारों कोनों में सुपारी बांधे और गणेश प्रतिमा को चौकी पर स्थापित करें।
इसके बाद गणपति बप्पा के जयकारों के साथ उनकी मूर्ति को विसर्जन स्थल पर लेकर जाएं। ध्यान रहें विसर्जन स्थल पर पहुंचने के बाद दोबारा से भगवान गणेश की प्रतिमा का पूजन करें तथा उन्हें कुमकुम तक लगाकर उनसे अपनी गलतियों की क्षमा मांगते हुए दोबारा अगले साल जल्दी आने की प्रार्थना करें और मूर्ति का विसर्जन कर दें।
गणेश विसर्जन के लिए शुभ चौघड़िया मुहूर्त
प्रातः मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत) – 09:10 ए एम से 01:56 पी एम
अपराह्न मुहूर्त (शुभ) – 03:31 पी एम से 05:06 पी एम
सायाह्न मुहूर्त (लाभ) – 08:07 पी एम से 09:31 पी एम
रात्रि मुहूर्त (शुभ, अमृत, चर) – 10:56 पी एम से 03:10 ए एम, सितम्बर 02
चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ – अगस्त 31, 2020 को 08:48 ए एम बजे
चतुर्दशी तिथि समाप्त – सितम्बर 01, 2020 को 09:38 ए एम बजे