- ओजोन परत बचाने के लिए साथ आए थे 24 देश
- सन् 1995 से मनने लगा ‘World Ozone Day’
- इन कारणों की वजह से आज का दिन है बेहद खास
नेशनल डेस्क: ‘ओज़ोन प्रिवेंशन डे’ बनाता है आज के दिन को यादगार। ओज़ोन लेयर पृथ्वी का सुरक्षा कवच माना जाता है। जिसको लेकर वर्ष 1995 के बाद से हर साल 16 सितम्बर को ओजोन परत के संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय ओजोन दिवस का आयोजन किया जाता है। इसका फैसला 19 दिसंबर 1994 को यूएन की जनरल असेंबली ने लिया।
देहरादून की पेट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडीज यूनिवर्सिटी के अध्ययन के मुताबिक लॉकडाउन की वजह से ओजोन को नुकसान पहुंचाने वाले पदार्थों की कमी आयी और इससे ओजोन की परत की क्वॉलिटी में 1.5 से दो गुना तक मजबूती आई है।
कैसे हुई विश्व ओजोन दिवस की शुरुआत ?
वर्ष 1995 के बाद से हर साल 16 सितम्बर को ओजोन परत के संरक्षण के लिए विश्व ओजोन दिवस का आयोजन किया जाता है। इस आयोजन का मकसद ओजोन परत के क्षरण के बारे में लोगों को जागरूक करना और इसे बचाने के बारे में संभव समाधान की खोज करना है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अपने संकल्प के तहत मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर करने की स्मृति में इस तिथि को चुना था।
इसे कहते है मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल…
मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल वह वार्ता है, जिसमें ओजोन परत के सन्दर्भ में एक अंतरराष्ट्रीय संधि की गयी है। इस वार्ता में ओजोन परत को नुकसान पहुंचाने वाले पदार्थों को कम करने पर ध्यान दिया जाता है। मॉन्ट्रियल प्रोटोकाल पर वार्ता करने और सेमिनार आयोजित करने के लिए प्रतिवर्ष 16 सितंबर की तिथि को लोग एकत्रित होते हैं। इस वार्ता में चर्चा का प्रमुख विषय ओजोन परत को नुकसान पहुंचाने वाले पदार्थ होते हैं। साथ ही देशो से इसके उत्पादन पर नियंत्रण स्थापित करने का संकल्प लिया जाता है।
16 सितम्बर का दिन केवल विश्व ओजोन दिवस के लिए यादगार नहीं है, इसके की अन्य कारण भी है। जैसे:—
- आज ही के दिन 1908 में फ्लिंट, मिशिगन में विलियम सी. ड्युरंट और चार्ल्स स्टुअर्ट मॉट नेजनरल ने मोटर्स कॉर्पोरेशन की शुरुआत की थी।
- सन् 1920 में न्यूयॉर्क के वॉल स्ट्रीट पर बम धमाके में 38 की मौत
- सन् 1982 में लेबनान में राइट-विंग ग्रुप के सदस्यों ने बेरूत के रिफ्यूजी कैम्प में रह रहे करीब 3000 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था।