25 मार्च से 6 महीने तक कोई नई दिवाला कार्रवाई शुरू नहीं की जाएगी
कोविड-19 की वजह से सरकार ने लिया बड़ा फैसला
राज्यसभा ने दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता विधेयक को दी मंजूरी
नेशनल डेस्क: राज्यसभा ने शनिवार को दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (दूसरा संशोधन) विधेयक 2020 को मंजूरी दे दी। इसके तहत कोरोना वायरस महामारी की वजह से 25 मार्च से छह महीने तक कोई नई दिवाला कार्रवाई शुरू नहीं की जाएगी। यह छह माह की अवधि अगले सप्ताह समाप्त हो रही है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि, इस बारे में संबंधित प्रावधानों को स्थगित करने पर फैसला अगले सप्ताह लिया जाएगा। कोविड-19 की वजह से सरकार ने 25 मार्च से छह महीने के लिए संबंधित प्रावधानों को स्थगित करने का फैसला किया था। इसके लिए जून में अध्यादेश लाया गया था। देश में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए 25 मार्च को ही लॉकडाउन लगाया गया था। इस विधेयक को संक्षिप्त चर्चा के बाद ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। यह इस बारे में जून में जारी अध्यादेश का स्थान लेगा।
वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि, 25 मार्च से पहले कर्ज भुगतान में चूक करने वाली कंपनियों के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया के तहत कार्रवाई जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि इस संशोधन से ऐसी कंपनियों को राहत नहीं मिलेगी। ज्यादातर विपक्षी दलों ने विधेयक का समर्थन करते हुए सरकार से मांग की है कि, कोविड-19 की वजह से संकट में फंसे किसानों और गरीबों लोगों को कर्ज पर ब्याज में छूट दी जाए। चर्चा के दौरान कई सदस्यों ने यह आशंका जताई कि कंपनियों द्वारा इसका दुरुपयोग किया जा सकता है। हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे अर्थव्यवस्था को उबारने में मदद मिलेगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता के तहत कर्ज भुगतान में चूक करने वाली कंपनियों तथा व्यक्तिगत गारंटी देने वालों के खिलाफ साथ-साथ दिवाला कार्रवाई चल सकती है। कुछ सदस्यों द्वारा यह मुद्दा उठाए जाने पर सीतारमण ने कहा, ”कई बार कर्ज लेने वाली कंपनियों की ओर कुछ गारंटर होते हैं। ऐसे में वृहद कॉरपोरेट दिवाला समाधान एवं परिसमापन के लिए हमारा मानना है कि जहां तक संभव हो, कॉरपोरेट कर्जदार और उसके गारंटर के खिलाफ साथ-साथ दिवाला कार्रवाई की जाए।”