जानें कैसा बीतेगा आपका आज का दिन
जानें पंचांग के पांच अंग तिथि
आइए जानते हैं आज का शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय
Aaj ka Punchang: आज से शुरू होगी शारदीय नवरात्रि हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व है। इस बार शारदीय नवरात्रि का आरंभ 26 सितंबर, सोमवार से हो रहा है, जो 4 अक्टूबर, मंगलवार तक मनाई जाएगी। इस दिन घट स्थापना की जाएगी और देवी दुर्गा के प्रथम स्वरूप शैल पुत्री की पूजा भी की जाएगी। देवी मंदिरों में विशेष साज-सज्जा भी होगी और लोग गरबा नृत्य के माध्यम से देवी को प्रसन्न करने के प्रयास करेंगे।
26 सितंबर का पंचांग
26 सितंबर 2022, दिन सोमवार को आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पूरे दिन रहेगी। इसी दिन से शारदीय नवरात्रि का आरंभ भी होगा, घट स्थापना भी। सोमवार को सूर्योदय हस्त नक्षत्र में होगा, जो दिन भर रहेगा। सोमवार को हस्त नक्षत्र होने से वज्र
नाम का अशुभ योग इस दिन बनेगा। इसके अलावा इस दिन शुक्ल, ब्रह्म, गजकेसरी, केदार, भद्र, हंस, शंख, पर्वत, बुधादित्य और लक्ष्मीनारायण नाम के शुभ योग भी रहेंगे। राहुकाल सुबह 07:49 से 09:19 तक रहेगा.
ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार रहेगी
सोमवार को चंद्रमा, सूर्य, बुध और शुक्र कन्या राशि में, मंगल वृष राशि में, शनि मकर राशि में (वक्री), राहु मेष राशि में, गुरु मीन राशि में (वक्री) और केतु तुला राशि में रहेंगे। सोमवार को पूर्व दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए। यदि मजबूरी में यात्रा करनी पड़े तो शीशे में अपना चेहरा देखकर या कोई भी पुष्प खा कर घर से निकलना चाहिए।
26 सितंबर के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
- विक्रम संवत- 2079
- मास पूर्णिमांत- आश्विन
- पक्ष-शुक्ल
- दिन- सोमवार
- ऋतु- शरद
- नक्षत्र- हस्त
- करण- किस्तुघन और बव
- सूर्योदय – 6:20 AM
- सूर्यास्त – 6:15 PM
- चन्द्रोदय – Sep 26 6:27 AM
- चन्द्रास्त – Sep 26 6:47 PM
- अभिजीत मुहूर्त- 11:54 AM से 12:42 PM
26 सितंबर का अशुभ समय
- यम गण्ड – 10:48 AM – 12:18 PM
- कुलिक – 1:47 PM – 3:17 PM
- दुर्मुहूर्त – 12:42 PM – 01:29 PM, 03:05 PM – 03:52 PM
- वर्ज्यम् – 02:16 PM – 03:51 PM
क्या होता है राहुकाल?
हिंदू धर्म में किसी भी शुभ काम से पहले मुहूर्त जरूर देखा जाता है साथ ही राहुकाल का ध्यान भी जरूर रखा जाता है। राहुकाल को ज्योतिष शास्त्र में अशुभ समय माना गया है। राहुकाल एक मुहूर्त (24 मिनट) की अवधि होती है जो अशुभ मानी जाती है। यह स्थान और तिथि के साथ अलग अलग होता है, अर्थात अलग-अलग स्थान के लिए राहुकाल बदलता रहता है।