जानें कैसा बीतेगा आपका आज का दिन
जानें पंचांग के पांच अंग तिथि
आइए जानते हैं आज का शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय
Aaj ka Punchang: आज करें अंगारक चतुर्थी का व्रत. मंगलवार को चतुर्थी तिथि का संयोग बनता है, उस दिन अंगारक चतुर्थी का व्रत किया जाता है। इस दिन भगवान श्रीगणेश की पूजा से मंगल ग्रह से संबंधित दोष दूर होते हैं। इस दिन मंगल ग्रह से संबंधित शुभ फल पाने के लिए विशेष उपाय भी किए जाते हैं। इस बार अंगारक चतुर्थी का योग 13 सितंबर, मंगलवार को बन रहा है।
13 सितंबर का पंचांग
13 सितंबर 2022, दिन मंगलवार को आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि सुबह 10.37 तक रहेगी, इसके बाद चतुर्थी तिथि आरंभ हो जाएगी। इस दिन तृतीया तिथि का श्राद्ध किया जाएगा। मंगलवार को दिन भर आश्विन नक्षत्र रहेगा। मंगलवार को आश्विन नक्षत्र होने से अमृत नाम का शुभ योग इस दिन बन रहा है। इसके अलावा वृद्धि और ध्रुव नाम के 2 अन्य योग भी इस दिन रहेंगे। राहुकाल दोपहर 03:25 से शाम 4:57 तक रहेगा।
ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार रहेगी
मंगलवार को चंद्रमा मीन राशि से निकलकर मेष में प्रवेश करेगा। इस दिन बुध ग्रह कन्या में (वक्री), सूर्य और शुक्र सिंह राशि में, मंगल वृष राशि में, शनि मकर राशि में (वक्री), राहु मेष राशि में, गुरु मीन राशि में (वक्री) और केतु तुला राशि में रहेंगे। मंगलवार को उत्तर दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिए। यदि निकलना पड़े तो गुड़ खाकर यात्रा पर जाना चाहिए।
13 सितंबर के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
- विक्रम संवत- 2079
- मास पूर्णिमांत- आश्विन
- पक्ष-कृष्ण
- दिन- मंगलवार
- ऋतु- वर्षा
- नक्षत्र- आश्विन
- करण- विष्टि और बव
- सूर्योदय – 6:16 AM
- सूर्यास्त – 6:29 PM
- चन्द्रोदय – Sep 13 8:38 PM
- चन्द्रास्त – Sep 14 9:45 AM
- अभिजीत मुहूर्त: 11:58 AM से 12:47 PM
13 सितंबर का अशुभ समय
- यम गण्ड – 9:19 AM – 10:51 AM
- कुलिक – 12:22 PM – 1:54 PM
- दुर्मुहूर्त – 08:43 AM – 09:31 AM, 11:12 PM – 11:59 PM
- वर्ज्यम् – 02:54 AM – 04:31 AM
भगवान विष्णु की तिथि है द्वादशी
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कृष्ण और शुक्ल पक्ष मिलाकर कुल 16 तिथियां होती हैं। इनमें से 1 से लेकर 14 तक की तिथियां समान होती हैं। इनमें बारहवीं तिथि बहुत खास होती है। इसे द्वादशी तिथि कहते हैं। धर्म ग्रंथों में इस तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। भगवान विष्णु की तिथि होने से इस दिन व्रत और पूजा करने से कई पुण्य फल मिलता है। नारद पुराण का कहना है कि द्वादशी तिथि पर भगवान सूर्य को अर्घ्य देने और बारह नाम बोलते हुए सूर्य को प्रणाम करने से दोष खत्म होते हैं। बीमारियां दूर होती हैं और उम्र भी बढ़ती है।