चाणक्य को जीवन से जुड़े सभी पहलूओं की गहरी समझ है। इसलिए लोग उनके विचार जानना चाहते हैं। चाणक्य ने अपनी चतुरता से पूरी दुनिया में प्रसिद्धी प्राप्त की है। चाणक्य का नाम आते ही सब लोग बात को ध्यान से सुनना शुरु कर देते हैं। यह उनके प्रभावशाली व्यक्तित्व का ही नतीजा है कि लोग उन्हें और उनके विचारों को इतना अधिक पसंद करते हैं। चाणक्य नीति की इस स्टोरी में हम आपको बताएंगे चाणक्य नीति में बताए गए 7 ऐसे कार्य जिन्हें करने से देवी लक्ष्मी आप पर प्रसन्न होकर हमेशा के लिए आपके घर में वास करती है। चाणक्य नीति के इन उपायों से घर में स्थाई लक्ष्मी का वास होता है। जो घर से कभी नहीं जाती है। साथ ही अलक्ष्मी घर से जाती है। घर में माता लक्ष्मी का वास होने से दुख, दर्द, दरिद्रता और आलस्य जैसी नकारात्मक चीजें घर से निकल जाती हैं। आइए जानते हैं चाणक्य नीति की वो खास 7 बातें जिनके होने से घर में लक्ष्मी का वास होता हैं –
1) सूर्योदय के बाद और सूर्यास्त पहले सोने वाले लोगों के घर कभी भी देवी लक्ष्मी नहीं रुकती है। देवी लक्ष्मी को आलस्य पसंद नहीं है। पूरा दिन बिस्तर पर पड़े रहने वाले लोग कभी भी देवी की कृपा का पात्र नहीं बनते हैं।
2) जिस घर के सभी सदस्य साफ-सुथरे कपड़े पहनते हैं। उनके घर में लक्ष्मी का वास होता है। फटे-घिसे कपड़े पहनने से परिवार में नकारात्मकता बढ़ती है। साथ ही घर से पैसा भी जाता है।
3) सुबह-शाम घर में दीप जलाने से घर से नकारात्मकता दूर जाती है। देवी लक्ष्मी को ऐसे परिवार बहुत प्रिय हैं। जहां सुबह-शाम दीप जगाकर श्री हरि के नाम, भजन और कथा को गाया जाता है।
4) चाणक्य नीति के मुताबिक भोजन का निरादर करने वाले, भोजन को बर्बाद करने वाले और भोजन को समय पर न खाने वाले लोगों के घर से देवी लक्ष्मी दूर चली जाती हैं। ऐसे घरों पर कभी भी देवी अपनी कृपा नहीं बरसाती है।
5) जिस घर के लोग झूठ बोलते हों। जहां बिना वजह ही झूठ का पाठ किया जाता हो। जिस घर के सदस्यों को झूठ ही प्रिय लगता हो। ऐसे लोगों के घर में लक्ष्मी कभी वास नहीं करती है। कुछ समय के लिए धन घर में आ भी जाएगा तो वह अच्छे कार्यों में नहीं लगेगा।
6) चाणक्य नीति के अनुसार पैसा बर्बाद करने वाले लोगों के घर से देवी लक्ष्मी अपनी दयादृष्टि हटा लेती है। जो लोग दान-पुण्य में धन न लगाकर, गलत कार्यों में अपने धन को लगाते हैं। वह अवश्य ही पाप के भागी बनते हैं।
7) जहां समझदार की बजाय मूर्खों के फैसले को उचित माना जाता है। केवल बिना वजह की बातों में सारा दिन व्यर्थ गवाया जाता है और जहां बुद्धिमान लोगों का सम्मान नहीं किया जाता है। ऐसे घरों में देवी की कृपा कभी नहीं बरसती है।
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