गोमती रिवर फ्रंट मामले में शिवपाल यादव और दो अधिकारियों पर कार्रवाई
सीबीआई ने सरकार से मांगी पूछताछ की मंजूरी
2017 में सीएम योगी ने कराई थी मामले की न्यायिक जांच
यूपी डेस्क: गोमती रिवर फ्रंट मामले में सीबीआई ने शिवपाल यादव और दो अधिकारियों पर कार्रवाई की। इस मामले में सीबीआई ने शिवपाल यादव और दो अधिकारियों से पूछताछ के लिए सरकार से मंजूरी मांगी है। इस विषय पर निर्णय लेने के लिए शासन ने सिंचाई विभाग से संबंधित रिकॉर्ड तलब किया है। शासन के एक अधिकारी के अनुसार उपलब्ध रिकॉर्ड में इस प्रकरण में इन लोगों की भूमिका मिलने पर सीबीआई को पूछताछ की अनुमति दे दी जाएगी।
यह था पूरा मामला
गोमती रिवर फ्रंट परियोजना को लेकर सपा सरकार ने 2014-15 में 1513 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए थे। इसको लेकर सपा सरकार के कार्यकाल में ही 1437 करोड़ रुपए जारी कर दिए गए थे। स्वीकृत हुए बजट की 95 फीसदी राशि जारी होने के बाद भी काम 60 फीसदी तक भी पूरा नहीं हो पाया था। मामले की न्यायिक जांच के दौरान परियोजना को भ्रष्टाचार का पर्याय करार दिया गया। ज्ञात हुआ कि परियोजना को लेकर आवंटित राशि को ठिकाने लगाने में इंजीनियरों और अधिकारियों ने जमकर खेल किया।
डिफॉल्टर गैमन इंडिया को ठेका दिया गया और उसके लिए टेंडरों की शर्तों में गुपचुप तरीके से बदलाव किया गया। इन बदलावों को फाइलों में चुपचाप दर्ज कर लिया गया और उनका प्रकाशन तक नहीं करवाया गया। बजट को मनमाने तरीके से खर्च किया गया और विजन डॉक्यूमेंट तक बनाने में करोड़ों का घपला सामने आया।
2017 में सीएम योगी ने कराई थी गोमती रिवर फ्रंट की न्यायिक जांच
बता दें कि साल 2017 में सत्ता में आते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोमती रिवर फ्रंट की न्यायिक जांच कराई थी। न्यायिक जांच में बड़ा घोटाला सामने आने के बाद पूरे मामले को सीबीआई को सौंप दिया गया था। इस घोटाले में सीबीआई पहले ही कई इंजीनियरों को गिरफ्तार कर चुकी है। अब दो आईएएस अधिकारी समेत तत्कालीन सिंचाई मंत्री की भूमिका की भी सीबीआई जांच करना चाहती है।