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अडानी को एक और झटका, 4 कंपनियों की रेटिंग हुई निगेटिव

  • अडानी ग्रुप को लगा एक और बड़ा झटका

  • 4 कंपनियों की रेटिंग हुई निगेटिव

  • हिंडनबर्ग के खिलाफ कोर्ट जाने की तैयारी में अडानी

National Desk. अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च को अदालत में घसीटने की तैयारी में जुटी अडानी समूह को एक और बड़ा झटका लगा है। रेटिंग एजेंसी मूडीज ने समूह की चार कंपनियों की रेटिंग निगेटिव कर दी है। शुक्रवार को रेटिंग एजेंसी की ओर से जारी बयान में कहा गया कि उसने अडानी ग्रुप की चार कंपनियों के लिए आउटलुक को स्टेबल से बदलकर निगेटिव कर दिया है। जबकि समूह की अन्य चार कंपनियों की रेटिंग स्टेबल रखी गई है।

मूडीज ने अडानी समूह की जिन चार कंपनियों की रेटिंग निगेटिव की है, वे अडानी ग्रीन एनर्जी, अडानी ग्रीन एनर्जी प्रतिबंधित समूह, अडानी ट्रांसमिशन स्टेप वन और अडानी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई है। वहीं, जिन अन्य चार कंपनियों की रेटिंग स्टेबल रखी गई है, वे हैं – अडानी इंटरनेशनल कंटेनर टर्मिनल, अडानी पोर्ट, अडानी ग्रीन एनर्जी प्रतिबंधित ग्रुप और अडानी ट्रांसमिशन प्रतिबंधित ग्रुप 1।

मूडीज ने क्यों उठाया ये कदम

रेटिंग एजेंसी मूडीज ने ये भी बताया है कि उसने आखिर क्यों अडानी समूह की कंपनियों की रेटिंग स्टेबल से बदलकर निगेटिव कर दी। एजेंसी ने कहा कि अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में धोखाधड़ी और हेरफेर के आरोपों के बाद समूह की कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में काफी गिरावट आई है। इसी को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है।

हिंडनबर्ग रिचर्स ने अडानी समूह के विशाल साम्राज्य को हिला कर रख दिया है। रिपोर्ट में लगे आरोपों के कारण समूह का लगभग आधा मार्केट कैप साफ हो चुका है। साथ ही गौतम अडानी की विश्वसनीयता को भी बड़ी चोट पहुंची है। ऐसे में अडानी समूह ने अमेरिकी कोर्ट में हिंडनबर्ग को घसीटने का मन बना लिया है। कंपनी ने इसके लिए अमेरिका की महंगी और विवादित मामलों का केस लड़ने में माहिर लॉ फर्म वॉचटेल को हायर किया है। बता दें कि ये वही लॉ फर्म है, जिसने एलन मस्क को ट्विटर डील करने के लिए मजबूर कर दिया था।

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