लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मंत्रिपरिषद ने गुरूवार को प्रदेश की नई औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति को लागू करने को मंजूरी दे दी। अगले साल फरवरी में आयोजित होने जा रही ‘यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट’ से पहले लागू की गई इस नीति का मकसद देश-विदेश से निवेश आकर्षित करने के साथ-साथ प्रदेश में बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा करने वाला एक प्रगतिशील और प्रतिस्पर्धी औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र का विकास करना भी है।
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प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने बताया कि मंत्रिपरिषद ने औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2022 को लागू करने की मंजूरी दे दी है। नई नीति के तहत तीन पारस्परिक रूप से अलग-अलग विकल्पों में से एक विकल्प चुनने का अवसर प्रदान करके निवेश को चार प्रमुख श्रेणियों – वृहद (50 करोड़ रुपये से ज्यादा लेकिन 200 करोड रुपये से कम), मेगा (200 करोड़ या उससे ज्यादा लेकिन 500 करोड़ से कम) सुपर मेगा (500 करोड़ या उससे ज्यादा मगर 3,000 करोड़ से कम) और अल्ट्रा मेगा (3,000 करोड़ या उससे अधिक) में वर्गीकृत किया गया है।
आज माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में आयोजित मंत्री परिषद की बैठक में सहमति के बाद अभिनव विकल्प-आधारित प्रोत्साहन मॉडल एवं उद्योगों के लिए भूमि सुविधा तंत्र से युक्त नवीन उत्तर प्रदेश औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति 2022 घोषित किया गया। pic.twitter.com/MrqNjJhuta
— Nand Gopal Gupta 'Nandi' (Modi Ka Parivar) (@NandiGuptaBJP) November 3, 2022
मंत्री ने बताया कि इन श्रेणियों में निवेशक को निवेश प्रोत्साहन सब्सिडी के तीन अलग-अलग विकल्प दिए जाएंगे जिनमें पूंजीगत सब्सिडी, शुद्ध एसजीएसटी प्रतिपूर्ति तथा उत्पादन आधारित प्रोत्साहन ‘टॉपअप’ सब्सिडी शामिल है। नंदी ने बताया कि राज्य में उपलब्ध भूमि बैंक में वृद्धि करने के उद्देश्य से नयही नीति में निजी औद्योगिक पार्कों के विकास के लिए आकर्षक प्रोत्साहन प्रदान किए गए हैं। निवेश के क्षेत्र के आधार पर 45 करोड़ रुपये की सीमा के तहत बुंदेलखंड और पूर्वांचल में 20 एकड़ या उससे अधिक के निजी औद्योगिक पार्क को तथा मध्यांचल और पश्चिमांचल में 30 एकड़ या उससे ज्यादा के औद्योगिक पार्कों के विकासकर्ताओं को 25 प्रतिशत पूंजीगत सब्सिडी का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा 100 एकड़ से अधिक के पार्कों के लिए अधिकतम सब्सिडी की सीमा को बढ़ाकर 50 करोड़ रुपये किया गया है।
उ.प्र.अपनी नवीन औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति के माध्यम से वैश्विक निवेश आकर्षित करने के लिए तैयार है। इस नीति का उद्देश्य देश-विदेश से निवेश आकर्षित करने के साथ ही प्रदेश में बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन करने वाला प्रगतिशील, औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करना है।
— Nand Gopal Gupta 'Nandi' (Modi Ka Parivar) (@NandiGuptaBJP) November 3, 2022
औद्योगिक विकास मंत्री ने बताया कि इसी तरह के निजी औद्योगिक पार्कों में कार्यरत लोगों के जीवन की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए पार्क में डॉरमेंट्री या अस्पताल स्थापित करने के लिए 25 करोड़ रुपये की सीमा के तहत 25 प्रतिशत तक की पूंजीगत सब्सिडी का प्रावधान किया गया है। प्रदेश के अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त अरविंद कुमार ने बताया कि नयी औद्योगिक नीति में सुपर मेगा और उससे अधिक की निवेश परियोजनाओं के साथ-साथ राज्य या केंद्र की सार्वजनिक क्षेत्र की औद्योगिक परियोजनाओं के लिए तेजी से जमीन आवंटन का प्रस्ताव है। इसके तहत औद्योगिक विकास प्राधिकरण या विकास प्राधिकरण क्षेत्रों में निवेशकों को सीधे भूमि आवंटन किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि नयी नीति की एक और मुख्य विशेषता प्रदेश में भूमि बैंक का सृजन करना भी है। नीति में औद्योगिक इस्तेमाल के लिए गैर कृषि, बंजर और अनुपयोगी जमीन की पूलिंग को बढ़ावा देकर भूमि बैंक बनाने को प्रोत्साहन दिया गया है।
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