जॉर्ज सोरोस पर कांग्रेस नेता पी चिदंबरम का पलटवार
सरकार पर मोदी की मजबूत होगी कमजोर
सोरोस की निंदा करने की अपील
नेशनल डेस्क: अदाणी मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अरबपति निवेशक जॉर्ज सोरोस की टिप्पणी पर पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। पी चिदंबरम ने ट्वीट करते हुए कहा कि पहले भी मैं जॉर्ज सोरोस की बातों से सहमत नहीं होता था और आज भी उनकी बातों से सहमत नहीं हूं।
म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में सोरोस ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिजनेस टाइकून और कथित करीबी सहयोगी गौतम अदाणी के शेयर संकट से कमजोर हो जाएंगे।
पी चिदंबरम ने ट्वीट किया, ”मैं अतीत में जॉर्ज सोरोस की ज्यादातर बातों से सहमत नहीं था और आज भी सहमत नहीं हूं।” उन्होंने कहा सोरोस की टिप्पणी को ‘भारत में लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार को गिराने की कोशिश’ के रूप में लेबल करना एक बचकाना बयान है।
एक अन्य ट्वीट में चिदंबरम ने कहा, ”जॉर्ज सोरोस को अनदेखा करें और नूरील रूबिनी को सुनें। रूबिनी ने चेतावनी दी कि भारत तेजी से बड़े निजी समूहों की ओर से संचालित हो रहा है, जो संभावित रूप से प्रतिस्पर्धा में बाधा डाल सकता है और नए प्रवेशकों को मार सकता है।” उन्होंने कहा, ”लिब्रलाइजेशन के जरिए देश में एक खुली प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्था की शुरूआत करना था, लेकिन मोदी सरकार की नीतियों ने एक कुलीनतंत्र बना दिया है।”
जॉर्ज सोरोस के ऊपर जवाबी पलटवार करते हुए स्मृति इरानी ने कहा कि जॉर्ज सोरोस ऐसी सरकार चाहते हैं जो उनकी नापाक योजनाओं को सफल बनाने के लिए उनकी जरूरतों के अनुकूल हो। केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि जिस आदमी ने इंग्लैंड के बैंक को तोड़ दिए और जिसे आर्थिक युद्ध अपराधी के रूप में नामित किया गया है, उसने अब भारतीय लोकतंत्र को तोड़ने की इच्छा व्यक्त की है।
स्मृति इरानी ने दावा किया कि जॉर्ज सोरोस ने भारत सहित कई लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में हस्तक्षेप करने के लिए एक बिलियन अमरीकी डालर (100 करोड़ रुपये) से अधिक का कोष बनाया है। इरानी ने लोगों से आग्रह किया कि वे इस “व्यक्ति” के इरादे की निंदा करें जो हमारे लोकतांत्रिक को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है।