अयोग्य ठहराए गए राहुल गांधी के संपर्क में है बाइडन प्रशासन ?
जानें इस सवाल के जवाब में क्या बोले अमेरिकी प्रवक्ता
विदेशी मीडिया में भी हुआ था बंपर कवरेज
National Desk. भारत में विपक्ष के सबसे बड़े नेता और कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी इन दिनों न केवल नेशनल बल्कि इंटरनेशनल मीडिया की सुर्खियों में भी बने हुए हैं। उनसे जुड़े घटनाक्रमों पर बारीकी से नजर रखी जा रही है। अमेरिका भी इस मामले में दिलचस्पी ले रहा है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रधान उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने सोमवार को कहा कि यूएस भारतीय अदालतों में राहुल गांधी के खिलाफ चल रहे मामले पर नजर बनाए हुए है।
उन्होंने कहा कि अमेरिका फ्री स्पीच और लोकतांत्रिक मूल्यों पर भारत के साथ जुड़ा हुआ है। न्यायिक स्वतंत्रता और कानून के शासन के लिए सम्मान किसी भी देश में लोकतंत्र की बुनियाद है। लोकतांत्रिक मूल्य, मानवाधिकार और फ्री स्पीच किसी भी लोकतंत्र की आधारशिला हैं।
प्रेस द्वारा ये पूछे जाने पर कि क्या अमेरिका इस मामले को भारत के समक्ष उठा रहा है या वो राहुल गांधी के संपर्क में है, तो उन्होंने कहा कि हम ऐसे किसी विशेष मामले को लेकर संपर्क में नहीं हैं। वेदांत पटेल ने आगे कहा कि राहुल गांधी इंडिया में विपक्ष के नेता हैं। भारत के साथ द्विपक्षीय संबंध होने के चलते हम यहां के विपक्षी नेताओं के संपर्क में रहते हैं। यह एक सामान्य सी बात है।
विदेशी मीडिया में भी हुआ था बंपर कवरेज
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की संसद सदस्यता समाप्त होने के मामले को प्रमुख विदेशी मीडिया संस्थानों ने अपना यहां प्रमुखता से जगह दी। अमेरिकी अखबार वाशिंगटन पोस्ट ने ‘भारत ने मोदी के आलोचक राहुल गांधी को संसद से निकाला’ शीर्षक से इसपर खबर छापी। वहीं, ब्रिटिश अखबार गार्डियन ने शीर्षक दिया था, ‘मानहानि मामले में भारतीय विपक्षी नेता संसद से निष्कासित’ । इसी तरह खाड़ी देश कतर द्वारा संचालित अल-जजीरा ने शीर्षक दिया था, ‘भारत के राहुल गांधी संसद से अयोग्य हुए’।
क्या है पूरा मामला ?
राहुल गांधी ने 13 अप्रैल 2019 को आम चुनाव के दौरान कर्नाटक में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी सबका सरनेम कॉमन क्यों है ? सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है ? इस पर गुजरात के सूरत शहर से बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा ठोका था। चार साल तक सुनवाई चलने के बाद पिछले हफ्ते सूरत की निचली अदालत ने इस पर अपना फैसला सुनाया।
राहुल गांधी ने सुनवाई के दौरान माफी मांगने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने उन्हें इस मामले में दो साल की सजा सुनाई। जिसके बाद लोकसभा सचिवालय जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 का हवाला देते हुए राहुल की संसद सदस्यता समाप्त कर दी। राहुल 2019 में केरल की वायनाड सीट से जीतकर लोकसभा पहुंचे थे।