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बैतूल में बड़ा हादसा, बोरवेल में गिरा 5 साल का बच्चा, 50 फीट की गहराई में फंसा, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

  • बैतूल में बड़ा हादसा

  • बोरवेल में गिरा 5 साल का बच्चा

  • 50 फीट की गहराई में फंसा

  • रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

मध्यप्रदेश डेस्क:-बैतूल जिले के एक गांव में 8 साल का मासूम बच्चा बोरवेल में गिर गया । इस घटना को हुए लगभग 15 घंटे बीत चुके हैं लेकिन अभी तक मासूम को बाहर नहीं निकाला जा सका है ।

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400 फुट गहरा है गढ्ढा

मंगलवार को खेलते समय 8 आठ साल का एक बच्चा खेत में बने 400 फुट गहरे बोरवेल (Borewell) में गिर गया। बच्चा फिलहाल बोरवेल में 60 फुट की गहराई पर फंसा हुआ है। उसे बाहर निकालने के लिए पुलिस-प्रशासन की ओर से बचाव अभियान चलाया जा रहा है।  आठनेर थाना प्रभारी अनिल सोनी ने बताया कि घटना मंडावी गांव में मंगलवार शाम करीब 5 बजे हुई.।उस दौरान 8 साल का तन्मय दियावर खेत में खेल रहा था, तभी वह बोरवेल में गिर गया।

थाना प्रभारी का क्या है कहना

थाना प्रभारी के मुताबिक बच्चा बोरवेल (Borewell) में करीब 60 फुट की गहराई में फंसा हुआ है। उसे बोरवेल से बाहर निकालने के लिए बचाव अभियान शुरू किया गया है। बोरवेल के आसपास से मिट्टी की खुदाई करने के लिए मशीन मंगाई गई है. साथ ही बच्चे को ऑक्सीजन प्रदान करने की व्यवस्था की गई है। पुलिस के साथ ही SDRF की टीम भी मौके पर पहुंच चुकी है और बच्चे को बाहर निकालने के लिए लगातार प्रयास चल रहे हैं। गांव के काफी लोग भी बोरवेल के आसपास जमे हुए हैं।

2 साल से बंद पड़ा था बोरवेल

सूत्रों के मुताबिक जिस बोरवेल  में बच्चा गिरा है, वह करीब 2 साल से बंद पड़ा था और उसे चारो ओर से बोरी से ढंका गया था।लेकिन खेलते समय बच्चे ने वह बोरी खोली. उसी दौरान बैलेंस न बनने की वजह से वह उसमें गिर गया। पुलिस के मुताबिक बोरवेल की गहराई करीब 400 फुट है। हालांकि करीब 60 फीट की गहराई पर बोरवेल में बड़े पत्थर पड़े हैं. इसलिए बच्चा वहां जाकर अटक गया है।

आसपास से हटाई जा रही है मिट्टी

बचाव कार्य में जुटे पुलिस अधिकारियों के मुताबिक बोरवेल  के आसपास से मिट्टी खोदने के लिए 3 पोकलेन मशीनें लगाई गई हैं। मिट्टी हटने के बाद साइड से बोरवेल को काटकर बच्चे को निकालने की कोशिश की जाएगी. बच्चे सांस लेने में दिक्कत न हो, इसके लिए पाइप के जरिए उसे नीचे ऑक्सीजन पहुंचाई जा रही है। साथ ही उसे जूस और लिक्विड भी नीचे पहुंचाया जा रहा है. बच्चे से बात करने की भी कोशिश की जा रही है, जिससे वह घबराए नहीं।

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