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छठे ज्योतिर्लिंग को लेकर विवाद,धार्मिक स्थल को भी छीनना चाहती है भाजपा

  • असम सरकार ने भीमाशंकर ज्योर्तिलिंग का किया दावा

  • भगवान शिव को भी छीनना चाहती है बीजेपी

  • एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले का निशाना

  • दावों में बीजेपी की बौखलाहट नजर आ रही

नेशनल डेस्क: असम सरकार की ओर देश के छठे ज्योतिर्लिंग को लेकर किए गए दावे पर राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। मंगलवार को महाराष्ट्र की विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने असम सरकार को घेरते हुए उनके दावे की आलोचना की और कहा कि देश में पहले से ही पुणे जिले के भीमाशंकर में स्थित ज्योतिर्लिंग को छठे ज्योतिर्लिंग के रूप में मान्यता मिली हुई है।

महाराष्ट्र कांग्रेस के महासचिव सचिन सावंत ने कहा कि उद्योगों को छीनने के बाद बीजेपी राज्य से भगवान शिव को छीनना चाहती है।अब बीजेपी शासित असम सरकार का दावा है कि भीमाशंकर का छठा ज्योतिर्लिंग असम में स्थित है न कि महाराष्ट्र के पुणे जिले में। हम इस बेतुके दावे की कड़ी निंदा करते हैं। साथ ही सावंत ने मांग की कि महाराष्ट्र सरकार को अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए और बीजेपी सरकार की इस कार्रवाई की निंदा करनी चाहिए, “जिसने महाराष्ट्र के 12 करोड़ लोगों की भावनाओं और भावनाओं को ठेस पहुंचाई है।” उन्होंने कहा, ‘महाराष्ट्र के खिलाफ बीजेपी की नाराजगी एक बार फिर नजर आ रही है।’

                                    असम सीएम हिमंता विस्वा सरमा (फाइल फोटो)

असम सरकार के विज्ञापन में इस बात को रेखांकित किया गया है कि पामही, गुवाहाटी का भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग एयरपोर्ट से सड़क मार्ग पर केवल 18 किलोमीटर दूर है। श्री भीमाशंकर गुवाहाटी के पमोही में बारह ज्योतिर्लिंगों में से छठा है, जो असम राज्य में डाकिनी पहाड़ियों की तलहटी में स्थित है। असम के मुख्यमंत्री ने एक विज्ञापन के माध्यम से महाशिवरात्रि के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में श्रद्धालुओं से भारी संख्या में आने की अपील की है।

मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने विज्ञापन में 18 फरवरी को महाशिवरात्रि की आध्यत्मिकता में लीन होने का आमंत्रण लोगों की दिया है। सोमनाथ, मल्लिकार्जुन, महाकाल, अमरेश्वर, केदारेश्वर, वाराणसी विश्वेश्वर, त्र्यंबकेश्वर, वैधनाथ, नागेश्वर, रामेश्वर और घुश्मेश्वर के बीच डाकिनी के भीमाशंकर को गिनाया गया है।

                               

राकांपा सांसद सुप्रिया सुले ने भी ट्विटर पर असम सरकार की आलोचना की। उन्होंने पूछा कि क्या बीजेपी ने अब महाराष्ट्र के उद्योगों सहित सांस्कृतिक और आध्यात्मिक खजाने को छीनने का फैसला किया है। उन्होंने श्रीमद आदि शंकराचार्य के बृहद रत्नाकर स्तोत्र का उल्लेख करते हुए कहा, “असम में बीजेपी सरकार जो कर रही है वह बिल्कुल अस्वीकार्य है और बिना किसी आधार के है।”

सुप्रिया सुले ने आगे ट्वीट करते महाराष्ट्र के भीमाशंकर स्थित मंदिर का प्रारंभिक इतिहास भी बताया। पुणे ज्योतिर्लिंग के लिए जाना जाता है। इस मंदिर में दूर-दूर से भक्त आते हैं। बीजेपी शासित असम राज्य ने गुवाहाटी के पास पमोही में शिवलिंग को छठे ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रचारित करना शुरू कर दिया है।

                                      bhimashankar jyotirlinga Assam

शिवसेना प्रवक्ता मनीषा कायंदे ने भी इस मामले को लेकर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि इस मामले में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को अपनी भूमिका स्पष्ट करनी चाहिए। वे असम सरकार से जवाब मांगें। मनीषा ने कहा कि अब भाजपा महाराष्ट्र से भगवान को भी छीनना चाहती है। इससे भक्तों की भावनाएं आहत हुई हैं। असम सरकार का हम धिक्कार व्यक्त करते हैं।

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