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बोरिस जॉनसन ने जीता विश्वास मत, बने रहेंगे प्रधानमन्त्री, पक्ष में पड़े 211 वोट

  • ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को मिली राहत

  • प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने जीता विश्वास प्रस्ताव 

  • 211 सांसदों ने जॉनसन के पक्ष में किया मतदान 

Boris Johnson: पार्टीगेट विवाद के कारण संकट में घिरे ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को राहत मिल गई है। जॉनसन के लिए पैदा हुआ संकट टल गया है क्योंकि जॉनसन ने विश्वास प्रस्ताव जीत लिया है। अपने खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के दौरान जॉनसन ने अपनी ताकत दिखा दी। 211 सांसदों ने जॉनसन के पक्ष में मतदान किया जबकि उनके खिलाफ 148 मत पड़े।

54 सांसदों की ओर से जॉनसन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था मगर सांसदों का एक बड़ा वर्ग पूरी मजबूती के साथ जानसन के पक्ष में खड़ा रहा। मजे की बात यह है कि कंजरवेटिव पार्टी के नियमों के अनुसार अब जॉनसन के खिलाफ एक साल तक कोई अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकेगा।

54 सांसदों ने पेश किया था अविश्वास प्रस्ताव 

प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन कोरोना लॉकडाउन के दौरान अपने आवाज 10 डाउनिंग स्ट्रीट में पार्टियां करने के मामले में विवादों में घिरे हुए हैं और इसी मुद्दे को लेकर उनके खिलाफ 54 सांसदों ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था। जॉनसन के खिलाफ नाराजगी जताने वाले सांसदों में सबसे प्रमुख नाम पूर्व विदेश मंत्री जेरेमी हंट का था। उनका कहना था कि प्रधानमंत्री के पद पर रहते हुए भी जॉनसन ने अपनी जिम्मेदारी का परिचय नहीं दिया।

कई अन्य सांसद भी जॉनसन के पूरी तरह खिलाफ थे मगर अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग शुरू होने से पहले जॉनसन कई सांसदों का समर्थन हासिल करने में कामयाब रहे। यही कारण था कि कुछ सांसदों की तमाम कोशिशों के बावजूद जॉनसन 211 वोट हासिल करने में कामयाब रहे जबकि उनके खिलाफ 148 सांसदों ने मतदान किया। इस जीत के साथ बोरिस जॉनसन के लिए पैदा हुआ संकट टल गया है।

लॉकडाउन के दौरान पार्टियां करने का विवाद 

ब्रिटेन में बढ़ती महंगाई और पार्टीगेट स्कैंडल के कारण जॉनसन को हटाने की मांग की जा रही थी। जॉनसन पर लॉकडाउन के दौरान जून 2020 में प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास 10 डाउनिंग स्ट्रीट पर पार्टियां करने का आरोप है। इस मामले को लेकर जॉनसन लंबे समय से विवादों में घिरे हुए हैं। तमाम सांसदों ने इस मामले में उन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए उन्हें प्रधानमंत्री पद से हटाने की मांग की थी। ब्रिटेन की सियासत में लंबे समय से इसे लेकर विवाद चल रहा है।

इस मामले की जांच पड़ताल भी की गई थी और इस जांच को लेकर भी जानसन पर उंगलियां उठी थीं। स्कॉटलैंड यार्ड की ओर से की गई जांच में कहा गया था कि कोरोना पर नियंत्रण के लिए लॉकडाउन लगाया गया था मगर सरकारी कार्यालयों में इसका जमकर उल्लंघन किया गया। जॉनसन और उनकी पत्नी कैरी पर लॉकडाउन का उल्लंघन करने के मामले में जुर्माना भी लगाया गया था। इस मामले को लेकर कंजरवेटिव पार्टी के कई सांसद जानसन से नाराज थे और उन्हें हटाने की मुहिम में जुटे हुए थे।

ब्रिटिश संसद में कुल 359 सदस्य हैं और जानसन को हटाने के लिए 180 सांसदों के समर्थन की जरूरत थी। इसीलिए उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था मगर जानसन 211 सांसदों का समर्थन हासिल करने में कामयाब रहे। अविश्वास प्रस्ताव से पहले जानसन ने सांसदों की मीटिंग को संबोधित किया था और माना जा रहा है कि इसके जरिए वे कई सांसदों का मन बदलने में कामयाब रहे।

अविश्वास प्रस्ताव पर जीत हासिल करने के बाद अब एक साल तक जानसन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकेगा। इस जीत के बाद लंबे समय से विवादों में घिरे बोरिस जॉनसन को बड़ी राहत मिली है और उनकी कुर्सी के लिए पैदा हुआ संकट टल गया है।

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