1 फरवरी को बजट पेश करेंगी निर्मला सीतारमण
ब्लैक बजट पेश करने की नौबत क्यों आई ?
जानें क्या क्या फायदा होगा इस साल
National Desk: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बुधवार को देश की संसद में पांचवी बार आम बजट पेश करेंगी। मोदी सरकार 2.0 का आखिरी पूर्ण बजट होने के कारण लोगों को इससे काफी उम्मीद है। पूर्व में भी जब-जब बजट पेश किया गया, लोगों को इससे काफी उम्मीदें रहीं। 1997-98 के बजट को ड्रीम बजट कहा गया। वहीं, इसके पहले 1973 में जब बजट पेश किया गया तो उसे ब्लैक बजट कहा गया। इस तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंतराव बलवंतराव चव्हाण ने पेश किया था। तो आइए जानते हैं कि आखिर ब्लैक बजट होता क्या है
ब्लैक बजट उसे कहते हैं, जिसमें सरकार को खर्च करने में कटौती करनी पड़ जाए। इसे इस तरह से समझ सकते हैं, जैसे अगर सरकार की आमदनी 500 रूपये हो और उसका खर्च 550 रूपये हो तो सरकार को बजट में 50 रूपये की कटौती करनी पड़ जाएगी। ऐसे में इसे ब्लैक बजट कहा जाएगा।
ब्लैक बजट पेश करने की नौबत क्यों आई ?
साल 1973-74 में देश की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। महंगाई चरम पर जा पहुंची थी। खराब मानसून और बांग्लादेश को लेकर पाकिस्तान से हुए युद्ध के कारण अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान हुआ था। उस समय सरकार का वित्तीय घाटा 550 करोड़ रूपये हो गया था। उसी साल कोयले की खदानों का राष्ट्रीयकरण किए जाने के लिए 56 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया। इससे कोयले के क्षेत्र में बाजार प्रतिस्पर्धा कम हो गई और जिसका सीधा असर सरकार की कमाई पर पड़ा।
पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध में काफी कम समय में बहुत सारा पैसा और राशन खर्च हो गया था। मानसून के खराब होने के कारण सूखे की स्थिति उत्पन्न हो गई थी, जिसके कारण अनाज की कमी होने लगी थी। इन हालातों से देश की कमाई कम और खर्च ज्यादा हो गया था। जिसकी वजह से तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंतराव बलवंतराव चव्हाण ने ब्लैक बजट पेश करने का निर्णय़ लिया।