धर्म डेस्क: इस वर्ष अक्षय तृतीया का शुभ दिन 26 अप्रैल को पड़ रहा है। अक्षय तृतीया को अखा तीज के रूप में भी जाना जाता है। अक्षय तृतीया हिंदू कैलेंडर के सबसे शुभ दिनों में से एक है। यह दिन सौभाग्य, समृद्धि और भाग्य लाने वाले दिन के नाम से भी जाना जाता है। अक्षय तृतीया हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है।
इस वर्ष कब है अक्षय तृतीया का विशेष मुहूर्त?
इस वर्ष, अक्षय तृतीया का शुभ दिन 26 अप्रैल को है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष अक्षय तृतीया का शुभ मुहूर्त छः घंटे और 23 मिनट की अवधि का होगा। अक्षय तृतीया का शुभ मुहूर्त 26 अप्रैल को सुबह छः बजकर 13 मिनट से शुरू होगा और दोपहर में एक बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगा। जबकि अक्षय तृतीया तिथि 25 अप्रैल को सुबह 11बजकर 51 मिनट से शुरू होगी और 26 अप्रैल को दोपहर एक बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगी।
सोना खरीदना होता है शुभ
हिन्दू मान्यताओं के अनुसार अक्षय तृतीया पर सोना खरीदना स्वास्थ्य, धन और भाग्य लाने वाला माना जाता है। इस साल, अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने का सबसे अच्छा समय 26 अप्रैल को सुबह छः बजकर 13 मिनट से दोपहर एक बजकर 22 मिनट के बीच है।
पुराने आभूषणों की भी करें पूजा
अक्षय तृतीया के दिन न सिर्फ सोना खरीदना शुभ होता है परंतु घर के सभी स्वर्ण आभूषणों की भी पूजा करना भी शुभ होता है। सभी स्वर्ण आभूषणों को गंगाजल और कच्चे दूध से धोना चाहिए और उसके बाद उन्हें एक लाल कपड़े पर रखकर केसर और कुमकुम से उनकी पूजन करनी चाहिए। पूजन करते समय स्वर्ण आभूषणों पर लाल फूल भी चढ़ाएं और महालक्ष्मी के मंत्र ‘ऊं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद महालक्ष्मयै नम:” का भी जाप करें। तत्पश्चात मां लक्ष्मी की आरती करें । शाम को सभी आभूषणों को वापस तिजोरी में रख दें।
अक्षय तृतीया पर हुआ था भगवान परशुराम का जन्म
हिन्दू पौराणिक धर्म कथाओं के अनुसार, भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम का जन्म अक्षय तृतीया के दिन हुआ था। भगवान परशुराम ने 21 बार पृथ्वी को क्षत्रियों से विहीन कर दिया था। ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति पूर्ण भक्ति और समर्पण के साथ अक्षय तृतीया पर भगवान विष्णु की पूजा करते हैं उन्हें शांति, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।