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गाजियाबाद में मिला ब्लैक-व्हाइट फंगस का केस, स्वास्थ्य विभाग हुआ अलर्ट

  • देश में ब्लैक-व्हाइट फंगस का एक केस आया सामने

  • गाजियाबाद में मिला ब्लैक-व्हाइट फंगस का केस

  • स्वास्थ्य विभाग हुआ अलर्ट

नेशनल डेस्क: एक तरफ कोरोना ने देश व दुनिया में कहर मचाया है। वहीं, दूसरी ओर एक और मुसीबत ने दस्तक दे दी है। दरअसल देश में ब्लैक-व्हाइट फंगस का भी एक केस सामने आया है। ये केस दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में मिला है।

कोरोना के कहर के बीच गाजियाबाद में मिला ब्लैक और व्हाइट फंगस का पहला केस -  first case black fungus & white fungus reported from Harsh hospital  Ghaziabad ntc - AajTak

मिली जानकारी के मुताबिक गाजियाबाद के हर्ष हॉस्पिटल में एक ही मरीज में ब्लैक फंगस और व्हाइट फंगस का पहला मामला सामने आया है। ब्लैक-व्हाइट फंगस का केस सामने आने से स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। संक्रमित मरीज की उम्र 55 साल बताई जा रही है। संक्रमित व्यक्ति का सैंपल 24 दिसंबर को नोएडा की पैथोलॉजी कंस्लटेंसी सर्विस लैब में भेजा गया था। 27 दिसंबर को जांच में ये सैंपल फंगस पॉजिटिव पाया गया है।

मुसीबत:एक ही मरीज में ब्लैक-व्हाइट फंगस, कोरोना से 49 फीसदी मृत्युदर - Black  And White Fungus In The Same Patient - Amar Ujala Hindi News Live

मरीज की हिस्ट्री से पता चला है कि इसको नाक से ब्लड आया था। जांच कराने पर उसमें फंगस की पुष्टि हुई है।’ बता दें अप्रैल 2021 में आई कोरोना की दूसरी लहर के बाद से ब्लैक फंगस के हजारों मामले सामने आए थे, इसके बाद सरकार ने इसे महामारी घोषित किया था।

क्या होता है ब्लैक फंगस
जानकारों की मानें तो आमतौर पर यह कोरोना के मरीजों के ज्यादा स्टेरॉयड इस्तेमाल करने से होता है। कुछ का ये भी मानना है कि अस्पताल में ऑक्सीजन ले रहे मरीजों के उपकरण में स्टेराइल वॉटर का इस्तेमाल न होना या फिर उनका डिसइंफेक्ट न होना भी इस फंगल बीमारी का कारण बन सकता है। इसमें डेथ रेट 50 फीसदी के आसपास है। यानि हर दो में से एक व्यक्ति की जान को खतरा है।

पटना, मथुरा, इंदौर... कहां-कहां ब्लैक फंगस ने दी दस्तक, किन राज्यों में  पसारे पैर? – News18 हिंदी

क्या होता है व्हाइट फंगस
ये बीमारी उन मरीजों को भी संभव है, जिन्हें कोरोना नहीं हुआ। ये फंगस लंग्स, किडनी, आंत, पेट और नाखूनों को प्रभावित करता है। ये एक आम फंगस से है जो कोरोना महामारी से पहले भी लोगों को होता था। जिनकी इम्युनिटी कम होती है, उन्हें ऐसी बीमारी हो सकती है।

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