नई दिल्ली। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 50 लाख रुपये की कथित रिश्वतखोरी के मामले में गुवाहाटी में तैनात एक अतिरिक्त मंडल रेल प्रबंधक और एक बिचौलिए तथा हवाला संचालक समेत छह अन्य लोगों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि 1997 बैच के भारतीय रेलवे सेवा के अधिकारी जितेंद्र पाल सिंह को गिरफ्तार करने से पहले उनकी तरफ से हरिओम नामक व्यक्ति को रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया।
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सीबीआई के एक प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि ऐसा आरोप है कि आरोपी (सिंह) ने ठेके देने, माप पुस्तिका तैयार करने, चालू खाते के बिल को पारित करने, लंबित बिलों का जल्द भुगतान करने और पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे में हो रहे निर्माण के साथ ही सुरक्षा राशि और बैंक गारंटी जारी करने के लिए निजी ठेकेदारों को अनुचित लाभ देने के इरादे से एक साजिश रची।
सीबीआई ने आरोप लगाया कि सिंह जब न्यू जलपाईगुड़ी में मुख्य अभियंता के तौर पर तैनात थे, तो वे अक्सर विभिन्न ठेकेदारों से रिश्वत मांगते और लेते थे। रिश्वत की रकम ठेकेदार श्यामल कुमार देब के माध्यम से भेजी जाती थी, जो इसे दिल्ली के हवाला संचालक विनोद कुमार सिंघल के जरिए उपलब्ध कराता था। सिंघल को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।
रिश्वत लिए जाने की सूचना मिलने पर एजेंसी ने एक योजना बनाई जिसके तहत सिंह के साथी हरिओम को कथित तौर पर उसकी तरफ से 50 लाख रुपये की घूस लेते हुए गिरफ्तार कर लिया गया। सीबीआई ने बाद में अधिकारी और हवाला संचालक को गिरफ्तार कर लिया। हवाला संचालक को दिल्ली में अदालत में पेश किया जाएगा।
सीबीआई प्रवक्ता ने कहा कि दिल्ली, नरौरा, गुवाहाटी, सिलीगुड़ी और अलीगढ़ समेत विभिन स्थानों पर एडीआरएम और अन्य के परिसरों की तलाशी ली गयी, जिससे करीब 47 लाख रुपये नकद, लैपटॉप और कई आपराधिक दस्तावेज बरामद हुए। एजेंसी ने पैसों का इंतजाम करने वाले देब, हरिओम के चालक योगेंद्र कुमार सिंह और राष्ट्रीय राजधानी में एक हवाला दुकान में कैशियर दिलावर खान तथा संजीव रॉय को भी गिरफ्तार किया है।
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