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MSP पर केंद्र सरकार का नरम रुख, संयुक्त किसान मोर्चा से मांगे पांच नाम

  • सरकार ने किसानों से जुड़े सभी मुद्दों पर संयुक्त किसान मोर्चा से मांगे पांच नाम
  • पिछले साल से आंदोलनरत हैं किसान
  • किसान संगठन चार दिसंबर को तय करेगा पांच नाम

नेशनल डेस्क: केंद्र सरकार तीन नए कृषि कानूनों को रद्द करने के बाद अब किसानों से जुड़े सभी मामलों को खत्म करना चाहती है। केंद्र सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP)और अन्य मुद्दों पर चर्चा के लिए समिति गठित करने को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा से पांच लोगों के नाम मांगे हैं।

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) की आज को बैठक होगी जिसमें कृषि संघ के नेताओं और विशेषज्ञों वाले पांच लोगों के नाम तय किए जाएंगे। किसान नेता दर्शनपाल ने कहा कि किसान संगठन इस मामले में चार दिसंबर को होने वाली बैठक में फैसला लेंगे। यह कदम ऐसे समय में सामने आया है, जब एक दिन पहले ही संसद के दोनों सदन में तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए विधेयक पारित किया गया है। किसान इन कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर पिछले एक साल से आंदोलनरत हैं।

एमएसपी के मुद्दे पर बातचीत

किसान नेता दर्शन पाल ने जानकारी दी कि आज, केंद्र ने उस समिति के गठन के लिए संयुक्‍त किसान मोर्चा से पांच नाम मांगे हैं, जोकि फसलों के लिए एमएसपी के मुद्दे पर विचार-विमर्श करेगी। हमने अभी नामों को लेकर फैसला नहीं लिया है। हम इस बारे में चार दिसंबर को होने वाली हमारी बैठक में निर्णय लेंगे। मोर्चा ने मंगलवार को जारी एक बयान में यह स्पष्ट किया कि लंबित मांगों और किसान आंदोलन के भविष्य के कदमों पर निर्णय लेने के लिए होने वाली बैठक बुधवार के बजाय चार दिसंबर को होगी।

आज बुलाई गई है आपात बैठक

सोमवार को पंजाब के किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने कहा था कि संयुक्त किसान मोर्चा ने आगे की कार्रवाई पर निर्णय लेने के लिए बुधवार को आपात बैठक बुलायी है। हालांकि, मोर्चा ने कहा, एसकेएम में शामिल सभी संगठन हालात का जायजा लेंगे और आंदोलन संबंधी आगामी कदमों के बारे में चार दिसंबर की बैठक में फैसला लेंगे, जैसा कि पहले उसने घोषणा की थी।

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