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New Delhi: Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal addresses a digital press conference on the coronavirus pandemic, in New Delhi, Sunday, March 29, 2020. (PTI Photo)(PTI29-03-2020_000187B)

सीएम केजरीवाल की बढ़ी मुसीबतें, योजनाओं पर लग सकता है ग्रहण

  • मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी से बढ़ीं सीएम केजरीवाल की चुनौतियां

  • AAP की विस्तार योजनाओं पर लग सकता है ग्रहण

  • अरविंद केजरीवाल को घेरने में जुटी भाजपा  

National Desk: आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की चुनौतियां लगातार बढ़ती जा रही हैं। सत्येंद्र जैन के बाद अब दिल्ली में आप के प्रमुख चेहरे मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी ने केजरीवाल के लिए नई मुश्किलें पैदा कर दी हैं। सिसोदिया और सत्येंद्र जैन दोनों ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है और भाजपा इसे बड़ी जीत बता रही है।

भाजपा लगातार केजरीवाल को घेरने की कोशिश में जुटी हुई है। आने वाले दिनों में पार्टी की ओर से सड़कों पर उतरने की तैयारी है। दिल्ली में केजरीवाल के सामने बढ़ती चुनौतियों के कारण आप की विस्तार योजनाओं पर भी ग्रहण लग सकता है। कई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भी केजरीवाल की चुनौतियां काफी बढ़ गई हैं।

केजरीवाल की सियासी योजनाओं पर पड़ेगा असर 

इस साल देश के कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं और ऐसे में केजरीवाल अन्य राज्यों में पार्टी की दमदार उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिशों में जुटे हुए हैं। आने वाले दिनों में उन्हें कई राज्यों का दौरा करना है मगर अब उनके लिए नई मुश्किलें पैदा हो गई हैं कि दिल्ली बचाएं या अन्य राज्यों में आम आदमी पार्टी के विस्तार पर ध्यान दें।

सियासी जानकारों का मानना है कि सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद आप की आगे की सियासी योजनाएं प्रभावित हो सकती हैं। दिल्ली के साथ ही पंजाब में भी आम आदमी पार्टी के कुछ नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। हाल ही में पार्टी के विधायक अमित रतन को विजिलेंस ब्यूरो की ओर से गिरफ्तार भी किया गया है। दिल्ली और पंजाब की इन घटनाओं से भाजपा को केजरीवाल पर हमला करने का बड़ा मौका भी मिल गया है।

गुजरात में पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में आप ने दमदार उपस्थिति दर्ज कराई थी। पार्टी को गुजरात में 13 फ़ीसदी वोट हासिल हुए थे आप ने पांच सीटों पर जीत हासिल की थी जबकि 35 सीटों पर आप प्रत्याशी दूसरे नंबर पर रहे थे। गुजरात में मिली इस कामयाबी से उत्साहित केजरीवाल अन्य राज्यों में भी पार्टी की दमदार उपस्थिति दर्ज कराना चाहते हैं।

 इसी सिलसिले में वे 4 मार्च को कर्नाटक पहुंचने वाले हैं। पांच मार्च को उनका छत्तीसगढ़ दौरे का कार्यक्रम है। 13 और 14 मार्च को वे क्रमश: राजस्थान और मध्य प्रदेश का दौरा करने वाले हैं। इन सभी राज्यों में अभी तक मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच होता रहा है मगर केजरीवाल गुजरात की तरह इन राज्यों में भी आप की मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश में जुटे हुए हैं।

सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद भाजपा ने भी केजरीवाल पर हमले तेज कर दिए हैं। आने वाले दिनों में पार्टी सड़कों पर उतर कर केजरीवाल की दिक्कतें और बढ़ाएगी। सियासी जानकारों का मानना है कि भाजपा दिल्ली में केजरीवाल की तगड़ी घेरेबंदी करने की कोशिश में जुट गई है ताकि अन्य राज्यों में केजरीवाल की आप की विस्तार की योजनाएं प्रभावित हो सकें।

दिल्ली बचाएं या अन्य राज्यों पर ध्यान दें 

जानकारों का मानना है कि केजरीवाल के सामने अब सबसे बड़ी दिक्कत दिल्ली सरकार के कामकाज को व्यवस्थित करना है। मनीष सिसोदिया ने दिल्ली सरकार में 18 विभागों की जिम्मेदारी संभाल रखी थी। केजरीवाल ने अब इन विभागों की जिम्मेदारी दूसरे मंत्रियों को सौंप दी है मगर इन मंत्रियों की कुशलता की परीक्षा अभी बाकी है।

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