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सीएम योगी आदित्यनाथ का बड़ा फैसला, शिक्षामित्रों की बढ़ाई रिटायरमेंट की ऐज

  • योगी सरकार का शिक्षामित्रों को लेकर बड़ा फैसला

  • शिक्षामित्रों की बढ़ाई रिटायरमेंट की ऐज 

  • शिक्षामित्रों को कितना मिलता है मानदेय ?

National Desk. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ ने एक ऐसा फैसला लिया है, जिससे प्रदेश के लाखों शिक्षामित्र लाभान्वित होंगे। राज्य के प्राथमिक विद्यालयों में तैनात शिक्षामित्र अब सामान्य शिक्षकों की तरह ही अब 60 साल की उम्र तक अपनी सेवा दे सकेंगे। योगी सरकार ने शिक्षामित्रों के रिटायरमेंट की आयुसीमा बढ़ाकर 60 साल कर दी है। हालांकि, पूर्व की तरह हर साल उन्हें नवीनीकरण की प्रक्रिया से गुजरना होगा। इस फैसले से प्रदेश के 1.46 लाख शिक्षामित्रों में हर्ष का माहौल है।

बेसिक शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार ने इस फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि शिक्षामित्रों की संविदा आधारित सेवाएं उनकी 60 वर्ष की आयु होते ही खुद समाप्त हो जाएगी। गौरतलब है कि साल 1999 में नियमित शिक्षकों की कमी को देखते हुए प्राथमिक स्कूलों में संविदा पर शिक्षामित्रों की तैनाती की गई थी। वर्तमान में 1.46 लाख शिक्षामित्र प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में तैनात हैं।

शिक्षामित्रों को कितना मिलता है मानदेय ?

शिक्षामित्रों को शुरूआत में काफी कम मानदेय मिलता था। लेकिन धीरे-धीरे इनका मानदेय बढ़ाया गया और 2014 में पहले बैच के शिक्षामित्रों को ट्रेनिंग देकर समायोजित भी किया गया। हालांकि, बाद में इस प्रक्रिया को निरस्त कर दिया गया और दोबारा मानदेय पर ही कार्य लिया जाने लगा। शिक्षामित्रों का हर साल विभाग द्वारा नवीनीकरण किया जाता है। उन्हें 11 महीने का मानदेय दिया जाता है। मानदेय के रूप में उन्हें 10 हजार रूपये मासिक दिया जाता है।

नियमितीकरण की मांग को लेकर करेंगे सम्मेलन 

संविदा पर काम कर रहे शिक्षामित्र लंबे समय से नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं। 20 फरवरी को अपनी इसी मांग को लेकर राजधानी लखनऊ में वे महासम्मेलन करने जा रहे हैं। इसमें सूबे के सभी शिक्षामित्र अपने परिजनों के साथ शामिल होंगे। वे राज्य कर्मचारी संघ के साथ भी संपर्क में हैं, ताकि उनकी मांगों को मजबूती मिल सके।

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