नर्सिंग एवं पैरामेडिकल प्रशिक्षण के लिए ‘मिशन निरामया’
‘नर्सिंग व पैरा मेडिकल स्टाफ स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़’
‘कोरोना काल में हम सभी ने इनके महत्व को समझा’
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार की देर शाम 5 केडी स्थित अपने आवास पर नर्सिंग और पैरामेडिकल कॉलेजों में शैक्षिक गुणवत्ता में वृद्धि को लेकर अहम बैठक की। इस दौरान सीएम ने शैक्षिक गुणवत्ता सुधार के लिए कई दिशा-निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने कहा कि नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ है। सीएम योगी ने बैठक के दौरान कोरोना काल में पैरा मेडिकल स्टाफ के योगदान की सराहना भी की। नर्सिंग व पैरामेडिकल संस्थानों में विद्यार्थियों को बेहतर पढ़ाई व प्रशिक्षण की सुविधा देने के संकल्प को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मिशन निरामया चलाने के निर्देश दिए हैं।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए कि भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुए नर्सिंग व पैरामेडिकल प्रशिक्षण में भी व्यापक बदलाव की जरूरत है। ऐसे में मिशन निरामया इस क्षेत्र में व्यापक सुधार के लिए मील का पत्थर साबित होगा। माध्यमिक स्कूलों में पढ़ रहे छात्रों को नर्सिंग व पैरामेडिकल कोर्सेज के महत्व व आगे करियर के बारे में जानकारी दी जाए। ताकि विद्यार्थियों की दिलचस्पी इन कोर्सेज की ओर बढ़ सकें। सीएम योगी ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा विभाग और माध्यमिक शिक्षा विभाग आपस में समन्वय स्थापित कर इस कार्य को बेहतर ढंग से करें। इन संस्थानों में कार्यरत शिक्षकों का आधार सत्यापन करें और उसका विवरण पोर्टल पर उपलब्ध कराया जाए। ताकि संस्थानों में फर्जी शिक्षकों को पकड़ा जा सके।
संस्थानों से नर्सिंग व पैरामेडिकल कोर्सेज की पढ़ाई कर निकलने वाले छात्रों को नौकरी के लिए अच्छे अवसर मिलें इसके लिए बड़े प्राइवेट अस्पतालों से भी संपर्क किया जाए। बैठक में प्रमुख सचिव, चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से आने वाले समय में सुधार के लिए उठाए जाने वाले कदमों के बारे में मुख्यमंत्री को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मिशन निरामया: के तहत सुधार के लिए छह कदम उठाए जाएंगे। संस्थानों की रेटिंग की व्यवस्था, दाखिले में पारदर्शिता, सपोर्टिव सुपरविजन, परीक्षा सुधार, डिजिटल प्लेटफार्म व रोजगार के अवसर बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा।
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