हिन्दवी अखबार के प्रधान संपादक थे सीएम योगी
16 पन्नों की थी हिंदवी अखबार
योगी खुद देखते थे एक-एक स्टोरी
यूपी डेस्क: उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ आज 50 साल के हो गए। उनकी पहचान यूपी के मुख्यमंत्री, पूर्व सांसद और गोरखनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी के रूप में रही है। क्या आपको पता है कि सीएम योगी एक अखबार के प्रधान संपादक भी रहे हैं। अगर नहीं, तो आइए जानते हैं इसके इसके में…
16 पन्नों की थी हिंदवी अखबार
हिंदवी में काम चुके रिपोर्टर वेद प्रकाश पाठक बताते हैं कि हिंदवी एक टैबलेट अखबार था, जिसमें करीब 16 पन्ने थे। इसकी छपाई मंदिर में ही होती थी। यह ब्लैक एंड व्हाइट अखबार था। अखबार प्रकाशित करने के पीछे समाज में उस समय फैली भुखमरी और अन्य मुद्दों को प्रकाशित करना था।
उस समय प्रदेश और खास तौर पर पूर्वांचल में दंगे ज्यादा हो रहे थे। अखबार उन दंगों की कहानी को भी छापता था। अखबार ने भुखमरी, धर्मांतरण, भारत-नेपाल सीमा पर आतंकी गतिविधियों से संबंधित खबरों को भी छापा।
हंसूराम ने दी थी मान्यता
2007 में हंसूराम ने गोरखपुर से प्रकाशित होने के लिए हिंदवी को मान्यता दी थी। वह उस समय सूचना विभाग के सहायक सूचना आयुक्त थे। बाद में वे गोरखपुर में एसडीएम रहे। इस समय वह बेल्थरा से विधायक हैं। वह 2022 विधानसभा चुनाव में ओमप्रकार राजभर की पार्टी से जीते हैं।
हिंदवी में प्रधान संपादक के पद पर थे योगी आदित्यनाथ
हिंदवी अखबार के प्रधान संपादक योगी आदित्यनाथ थे। संपादक डॉ प्रदीप राव थे और विशेष संवाददाता धर्मवीर सिंह, राकेश, वेद प्रकाश पाठक थे। अखबार के कैमरामैन विनय गौतम थे। साथ ही मंडल के संपादक डॉ भगवान सिंह, डॉ सत्येंद्र सिंह, डॉ गोविंद सिंह थे। इसके अलावा भी अखबार में कई लोग काम करते थे।
योगी खुद देखते थे एक-एक स्टोरी
वेद प्रकाश पाठक बताते हैं कि सांसद रहते तमाम व्यस्तताओं के बीच भी योगी अखबार का काम करते थे। वे अखबार का हर पन्ना छपने से पहले खुद पढ़ते थे। कमियों को दूर करते थे और पेज फाइनल करते थे। वे खुद संपादकीय भी लिखते थे। लेकिन धीरे-धीरे उनकी राजनीतिक व्यस्तता बढ़ती गई। वह बीजेपी के स्टार प्रचारक हो गए। हिंदू युवा वाहिनी का गठन कर उसके संरक्षक हो गए। अखबार के लिए समय नहीं निकल पाता था। लिहाजा 2011 के बाद से अखबार नहीं निकलता है।