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भ्रष्ट अधिकारियों पर सीएम योगी की टेढ़ी नजर, 31 जुलाई तक लिस्ट तैयार करने के दिए निर्देश

  • यूपी में भ्रष्ट अधिकारियों पर गिरेगी गाज

  • सभी विभागों में होगी स्क्रीनिंग

  • मुख्य सचिव ने शासनादेश किया जारी

यूपी: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के बनने के बाद से ही लगातार भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार कठोर कदम उठा रही है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर ऐसे तमाम अफसरों और कर्मचारियों की लिस्ट तैयार की जा रही है जो 50 वर्ष की आयु पूरी कर चुके हैं और उन पर दाग है। इस प्रक्रिया के लिए एक स्क्रीनिंग कमेटी बनाई गई है। बनाई गई कमेटी से 31 जुलाई तक ऐसे अफसरों की रिपोर्ट मांगी गई है। इसके बाद इन्हें जबरन रिटायर कर दिया जाएगा। बता दें की इस फैसले का शासनादेश मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने मंगलवार शाम को जारी कर दिया है।

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मुख्य सचिव ने सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव को निर्देश दिया है कि वे 50 वर्ष पार कर चुके कार्मिकों के संदर्भ में स्क्रीन‍िंग की कार्यवाही कराकर अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त किये गए कार्मिकों की सूचना निर्धारित प्रारूप पर अपने हस्ताक्षर से कार्मिक विभाग को 15 अगस्त तक उपलब्ध करा दें। शासनादेश में यह भी कहा गया है कि 50 वर्ष की आयु पूरी करने वाले किसी सरकारी सेवक के मामले को स्क्रीनिंग कमेटी के सामने रखने पर यदि उसे सेवा में बनाये रखने का एक बार निर्णय ले लिया गया है तो सामान्यत: उस सरकारी सेवक को उसकी सेवानिवृत्ति आयु प्राप्त करने तक सेवा में बनाये रखा जाए।

सीएम योगी ने पहले कार्यकाल में भी तमाम लापरवाह और भ्रष्ट अधिकारियों, कर्मचारियों को सेवा से जबरन रिटायर किया था। प्रदेश में अब तक 400 से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारियों को जबरन रिटायर किया जा चुका है। यह आंकड़ा 2017 से अब तक का है। इससे पहले सीएम योगी के निर्देश पर प्रदेश के तीन IPS अधिकारियों अमिताभ ठाकुर, राजेश कृष्ण और राकेश शंकर को वीआरएस दिया गया था।

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