मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के किसानों को बड़ी राहत दी
किसानों का नहीं कटेगा बिजली कनेक्शन
विकास परियोजनाओं का निरीक्षण करें
(उत्तरप्रदेश डेस्क) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के किसानों को बड़ी राहत दी है।मुख्यमंत्री ने मंगलवार को मथुरा, आगरा, फिरोजाबाद और मैनपुरी के सांसद और विधायकगणों के साथ क्षेत्र में संचालित विकास परियोजनाओं की समीक्षा की. बैठक में जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को क्षेत्रीय जनभावनाओं से अवगत कराया. मुख्यमंत्री ने तत्काल निर्णय के लिए अधिकारियों को निर्देशित भी किया. इससे पहले सहारनपुर, आजमगढ़, झांसी और मुरादाबाद मंडल के जनप्रतिनिधियों के साथ भी विकास परियोजनाओं की समीक्षा की.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि हर विधानसभा क्षेत्रों में सरकार किसानों के लिए काम कर रही है और आगे भी करनी रहेगी. किसानों के कनेक्शन काटने की शिकायतें लगातार मिल रही थीं, ऐसे में बकाएदार किसानों के कनेक्शन नहीं काटे जाएंगे. उन्होंने कहा कि किसी का भी उत्पीड़न नहीं होने दिया जाएगा. इस दौरान उन्होंने लंबित पड़े प्रोजेक्ट को जल्द पूरा कराने के भी निर्देश दिए.
जनप्रतिनिधियों ने सीएम योगी को कई इलाकों में खाद कि किल्लत से अवगत कराने के साथ इसके निस्तारण को कहा. जिसको लेकर सीएम ने कहा कि जल्द ही खाद की समस्या के संबंध में अधिकारियों से बात करके इसका हल निकाला जाएगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सांसद और विधायक अपने जिले में निवेश के ब्रांड एम्बेसेडर बने। विश्व के निवेशक प्रदेश में निवेश के लिए उत्साहित है। उन्होंने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में मिल रहे लाखों करोड़ का निवेश वर्ष 2027 तक प्रदेश को दस खरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य को पूरा करने में सहायक होगा। उन्होंने कहा कि सांसद और विधायक भी जिला स्तर पर इन्वेस्टर्स समिट आयोजित कर उसका नेतृत्व करें। क्षेत्र के उद्यमियों, व्यापारियों, प्रवासी लोगों से संपर्क कर उन्हें क्षेत्र की क्षमताओं से परिचित कराएं और निवेश आमंत्रित करें।
प्रदेश में चल रहे निराश्रित गो-आश्रय स्थलों में आज 9 लाख से अधिक गोवंश हैं। गोवंश पालने वाले किसानों को 900 रुपए हर महीने दिए जा रहे हैं। जिसका अच्छा परिणाम मिल रहे हैं। सांसद और विधायक ऐसी योजनाओं में रुचि लेते हुए आम जन को इनसे जोड़ने का प्रयास करें।”सीएम योगी ने कहा, “सरकार की तरफ से साफ है कि थाना और तहसील दिवसों पर आने वाली शिकायतों का समाधान हो। जन-प्रतिनिधि खुद यहां की व्यवस्थाओं का निरीक्षण करें। यह तय किया जाए कि यहां आने वाली शिकायतों का निर्धारित समय-सीमा के भीतर निस्तारण हो। मुख्यमंत्री कार्यालय स्तर से इसकी समीक्षा की जा रही है।”