वर्ष 2021-22 में कंपनी का उत्पादन 62.26 करोड़ टन
कोल इंडिया के लिए चुनौती जनवरी-मार्च 2022 के 20.9 करोड़ टन उत्पादन से आगे बढ़ने की है
कोल इंडिया ने 16 फीसदी की वृद्धि के साथ करीब 47.9 करोड़ टन उत्पादन किया
कोलकाता। सार्वजनिक क्षेत्र की कोयला कंपनी कोल इंडिया के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल ने भरोसा जताया है कि कंपनी मार्च 2023 तक 70 करोड़ टन उत्पादन के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को पार कर लेगी। इसके साथ ही उन्होंने कंपनी की समुचित क्षतिपूर्ति के लिए दामों में संशोधन को बहुत जरूरी बताया है। सरकार की तरफ से कंपनी के लिए निर्धारित वार्षिक उत्पादन लक्ष्य को अगर वह 12 फीसदी से अधिक वृद्धि के साथ हासिल कर लेती है तो यह उसकी एक बड़ी उपलब्धि होगी।
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वर्ष 2021-22 में कंपनी का उत्पादन 62.26 करोड़ टन था। अग्रवाल ने कहा कि भारत की बढ़ती ऊर्जा मांग को पूरा करने के लिए कंपनी अधिक कोयला उत्पादन करने के साथ ही देश के शून्य-कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य को पाने में मदद देने और कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए भी कई कदम उठा रही है। अग्रवाल ने एक मीडिया एजेंसी को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि 70 करोड़ टन का उद्देश्य अपने-आप में चुनौतीपूर्ण और महत्वाकांक्षी है। अभी तक तो हम इस लक्ष्य के आगे चल रहे हैं। दिसंबर में हमने 101 फीसदी लक्ष्य हासिल किया है। हमारा उद्देश्य आगे रहना और 70 करोड़ टन उत्पादन के वार्षिक लक्ष्य को पार करना है। हमें भरोसा भी है कि हम ऐसा कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि चौथी तिमाही में कोल इंडिया के लिए चुनौती जनवरी-मार्च 2022 के 20.9 करोड़ टन उत्पादन से आगे बढ़ने की है। चालू वित्त वर्ष में दिसंबर 2022 तक।
कोल इंडिया ने 16 फीसदी की वृद्धि के साथ करीब 47.9 करोड़ टन उत्पादन किया और कोयला लदान 50.8 करोड़ टन रहा। अग्रवाल ने बताया कि पूंजीगत व्यय चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 33 फीसदी बढ़कर 7,027 करोड़ रहा। अनुमान है कि वित्त वर्ष 2022-23 के अंत तक यह 16,500 करोड़ रुपये पर पहुंच जाएगा। दो साल की अवधि में पूंजीगत व्यय दोगुना से अधिक होकर 2021-22 में 15,401 करोड़ रुपये रहा था जबकि 2019-20 में यह 6,270 करोड़ रुपये था। उन्होंने कहा कि कोल इंडिया का पूंजीगत व्यय बढ़ने की मुख्य वजह भूमि अधिग्रहण, आधुनिक उपकरण बेड़े को अपनाने और अन्वेषण अवसंरचना का मशीनीकरण रही है। मुद्रास्फीति को काबू में करने के लिए कोयले के दाम लगभग पांच वर्ष से स्थिर बने हुए हैं। कोयला के दाम पर अग्रवाल ने कहा, ‘‘कोयले के दाम करीब पांच वर्ष से स्थिर हैं। लेकिन एक वाणिज्यिक कॉरपोरेट कंपनी होने के नाते हमें पर्याप्त क्षतिपूर्ति मिलनी चाहिए और दामों में बदलाव करना भी बहुत आवश्यक है।
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