वाणिज्य मंत्रालय ने रत्न एवं आभूषण उद्योग को बढ़ावा देने के लिए उठाया खास कदम
आगामी बजट में सोने पर आयात शुल्क घटाए जाने का रखा प्रस्ताव
केंद्र सरकार ने गत जुलाई में सोने पर आयात शुल्क 10.75 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दिया था
नई दिल्ली। वाणिज्य मंत्रालय ने रत्न एवं आभूषण उद्योग को बढ़ावा देने के लिए आगामी बजट में सोने पर आयात शुल्क घटाए जाने का प्रस्ताव रखा है। सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। केंद्र सरकार ने गत जुलाई में सोने पर आयात शुल्क 10.75 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दिया था। सरकार ने यह कदम चालू खाता के घाटे में कमी लाने और सोने के बढ़ते आयात पर काबू पाने के इरादे से उठाया था। सोने पर बुनियादी सीमा शुल्क 12.5 प्रतिशत लगता है जबकि 2.5 प्रतिशत की दर से कृषि अवसंरचना विकास उपकर लगता है। इस तरह कुल प्रभावी आयात शुल्क 15 प्रतिशत हो जाता है।
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सूत्रों ने बताया कि रत्न एवं आभूषण उद्योग की मांगों को ध्यान में रखते हुए वाणिज्य मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय से आगामी बजट में इस तरह का प्रस्ताव रखने की मांग की है। सूत्रों ने कहा कि वाणिज्य मंत्रालय ने रत्न-आभूषण के विनिर्माण एवं निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कुछ अन्य उत्पादों पर भी आयात शुल्क में बदलाव की मांग रखी है। रत्न एवं आभूषणों के निर्यात से जुड़े हितधारक आयात शुल्क में कटौती की मांग लंबे समय से करते आ रहे हैं। रत्न एवं आभूषण निर्यात प्रोत्साहन परिषद (जीजेईपीसी) के पूर्व चेयरमैन कोलिन शाह ने कहा कि उद्योग ने एक फरवरी को पेश होने वाले बजट में निर्यात को बढ़ावा देने वाले कदमों की घोषणा की उम्मीद लगाई हुई है।
शाह ने कहा कि सोने के आयात शुल्क में कटौती और आभूषण के लिए एक प्रगतिशील मरम्मत नीति आने से इस क्षेत्र को व्यापक लाभ होंगे। हम इस बात को लेकर भी आशांवित हैं कि कच्चे हीरे पर संभावित कराधान और प्रयोगशाला में हीरा तैयार करने में इस्तेमाल होने वाले बीज पर शुल्क को खत्म किया जाएगा। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-नवंबर के दौरान देश से रत्न एवं आभूषण का निर्यात दो प्रतिशत बढ़कर 26.45 अरब डॉलर हो गया। इस दौरान सोने का आयात 18.13 प्रतिशत घटकर 27.21 अरब डॉलर पर आ गया। सोने का आयात कम होने से चालू खाते का घाटा कम करने में मदद मिलती है।
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