नई दिल्ली: कोविड—19 भारतीय अर्थव्यवस्था को हिला कर रख दिया है। इस वायरस ने सोमवार को भी अपना भयावह रूप दिखाया। सोमवार को शेयर बाजार खुलते ही 1 घंटे के अंदर ही कोरोना सबकी चीख निकाल दी। भारतीय शेयर बाजार में सुबह करीब 10 बजे लोअर सर्किट लगने से पहले यानी कारोबार के पहले ही घंटे में बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 10,29,847 करोड़ रुपये घटकर 1,05,79,296 करोड़ रुपये रह गया।
कोरोना का प्रकोप शेयर बाजार के निवेशकों के लिए सोमवार को बहुत भारी पड़ा। शेयर बाजार की भारी गिरावट की वजह से कारोबार के शुरुआती एक घंटे में ही निवेशकों के 10 लाख करोड़ रुपये डूब गए हैं। कोरोना की वजह से सोमवार को पूरे एशियाई बाजार डूबे है। जब सेंसेक्स 10 फीसदी यानी 2991 अंक टूटकर 26,924 तक पहुंच गया तो इसके बाद एनएसई और बीएसई दोनों में ट्रेडिंग रोक दी गई. लोअर सर्किट लगा दिया गया और कारोबार 1 घंटे के लिए रोक दिया गया।
20 फीसदी तक पिट गए ये शेयर
BSE सेंसेक्स के सभी 30 शेयरों में बिकवाली देखी गई और एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, इंडसइंड बैंक, बजाज फाइनेंस के शेयर तो करीब 20 फीसदी तक टूट गए। सभी सेक्टर के सूचकांक लाल निशान में दिख रहे हैं और गिरावट का नेतृत्व बैंक, रियल्टी, फाइनेंस सेक्टर कर रहे हैं। देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर भी करीब 12 फीसदी और टीसीएस के शेयर करीब 6 फीसदी तक टूट गए हैं।
दुनियाभर में सेंटिमेंट खराब
दुनिया में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप की वजह से शेयर बाजारों का सेंटिमेंट काफी नेगेटिव है और भारी बिकवाली देखी जा रही है। कोरोना के कहर की वजह से सोमवार को समूचे एशियाई शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखी गई। दुनिया के कई देशों द्वारा दिए गए राहत पैकेज से बाजारों को कोई सहारा नहीं मिला है और निवेशकों की बेचैनी बरकरार है। निवेशकों का नेगेटिव मूड इस वजह से और हावी हो गया क्योंकि एक लाख करोड़ डॉलर के इमरजेंसी आर्थिक पैकेज पर अमेरिकी सांसदों में सहमति नहीं बन पाई है।
14 हजार के पार हुआ मौत का आंकड़ा
गौरतलब है कि दुनिया भर में कोरोना के कहर से होने वाले मौतों की संख्या 14 हजार के पार हो गई है। करीब 1 अरब लोग घरों में कैद हैं और दर्जनों देशों में कारोबार पूरी तरह से ठप है, जिसकी वजह से मंदी की आशंका गहराने लगी है।