नेशनल डेस्क: दिल्ली की तीन बार मुख्यमंत्री रहीं शीला दीक्षित का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। 20 जुलाई की सुबह उन्हें दिल्ली के एक्सकॉर्ट्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। दोपहर 3.55 बजे उन्होंने अंतिम सांस लीं।
शीला दीक्षित दिसंबर 1998 से दिसंबर 2013 तक दिल्ली की तीन बार मुख्यमंत्री रहीं। मुख्यमंत्री रहने के बाद शीला दीक्षित केरल की राज्यपाल भी बनी। वर्तमान में दिल्ली प्रदेश कांग्रेस की कमान उन्हीं के पास थी।वे लंबे समय से थीं बीमार चल रही थीं। 81 साल की उम्र में उनका निधन हुआ।वे दिल्ली की दूसरी महिला मुख्यमंत्री थीं। 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार घोषित की गई थीं
पंजाब में हुआ था जन्म
शीला दीक्षित का जन्म 31 मार्च 1938 को पंजाब के कपूरथला में हुआ था। वे इसी साल हुए लोकसभा चुनाव में उत्तर-पूर्व दिल्ली से लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ीं थीं। हालांकि, उन्हें भाजपा के मनोज तिवारी ने हरा दिया था। निधन से कुछ दिनों पहले तक वह राजनीति में बहुत सक्रिय थीं। हाल ही में उन्होंने दिल्ली के कुछ जिलों में नए जिलाध्यक्षों की नियुक्ति भी की थी। उन्हें गांधी परिवार का करीबी माना जाता था।
ससुर उमाशंकर दीक्षित थे राजनीति गुरू
शीला दीक्षित ने राजनीति के गुर सीखे अपने ससुर उमाशंकर दीक्षित से सीखे, जो इंदिरा गांधी मंत्रिमंडल में गृहमंत्री थे और बाद में कर्नाटक और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल भी रहे। उनका विवाह उमाशंकर दीक्षित के बेटे से हुआ था। इनके पति विनोद दीक्षित भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी थे।
शीला ने आत्मकथा में किए थे कई खुलासे
अपनी आत्मकथा ‘सिटीजन दिल्ली: माय टाइम्स, माय लाइफ’ में उन्होंने लिखा है कि विनोद यूपी के उन्नाव के कान्यकुब्ज ब्राह्मण परिवार से आते थे। उनके ससुर जिन्हें लोग दादाजी कहते थे, ने शीला दीक्षित से कहा था कि, शादी के लिए उन्हें दो हफ्ते, दो महीने या दो साल तक इंतजार करना पड़ सकता है क्योंकि विनोद की माता जी को अंतरजातीय विवाह के लिए मनाना था। 11 जुलाई, 1962 को शीला दीक्षित का विवाह विनोद दीक्षित से हुआ था।
रविवार को निगम बोध घाट पर किया जाएगा अंतिम संस्कार
रविवार को 2:30 निगम बोध घाट में शीला दीक्षित का अंतिम संस्कार किया जाएगा। शनिवार शाम 6 बजे से उनकी पार्थिव देह निजामउद्दीन स्थिति घर पर अंतिम दर्शन के लिए रखी जाएगी।