बगलामुखी जयंती 2022:
बगलामुखी जयंती 2022: 9 मई को देवी बगलामुखी जयंती मनाई जाएगी। यह हिन्दू पंचांग के अनुसार वैशाख शुक्ल पक्ष की अष्टमी को देवी बगलामुखी का अवतरण दिवस माना जाता है। दस महाविद्याओं में से एक है देवी बगलामुखी। सौराष्ट्र के हृदय नामक सरोवर से इनकी उत्पत्ति हुई थी। इनकी पूजा घर में सुख समृद्धि पाने व कार्यों में सफलता के लिए की जाता है।
मां बगलामुखी को शत्रुनाश की देवी भी कहा जाता है। शत्रुओं से बचने के लिए भी देवी बगलामुखी की पूजा करना श्रेष्ठ माना गया है। मान्यताओं के अनुसार,देवी बगलामुखी को पीला रंग बहुत ही प्रिय है।
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यह देवी माता पीले रंग के वस्त्र धारण करती है। इसलिए आपको यह कोशिश करनी चाहिए कि पूजा करते समय आपके भी पीले ही वस्त्र हो।
यही वजह है कि इन्हें पिताम्बर के नाम से भी जाना जाता है।
तो चलिए अब जानते है कुछ विशेष सिद्धियों की प्राप्ति के लिए आपको क्या उपाय करने चाहिए।
• यदि आप किसी व्यक्ति विशेष को अपनी ओर आकर्षित करना चाहिए है तो इस दिन आपको मधु, यानी शहद, घी और शक्कर से युक्त नमक से हवन करना चाहिए।
• यदि आप किसी को अपने वश में करना चाहते है तो आपको शहद, घी और शक्कर से युक्त तिलों से हवन करना चाहिए।
• यदि आप स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं से मुक्ति पाना चाहते है तो आपको चाहिए कि इस दिन दूब, गुरुच और लावा को मधु, घी और शक्कर के साथ मिलाकर हवन करना चाहिए।
• यदि आप अपने शत्रु को अपने इशारों पर नचाना चाहते है या किसी से अपनी बात मनवाना चाहते है तो उन व्यक्ति का नाम लेते हुए हरताल, नमक और हल्दी से हवन करना चाहिए। नमक और हल्दी तो आपके घर में ही होगी, बाकि हरताल आपको किसी पंसारी की दुकान से मिल जायेगी।
• शत्रु का नाश करने के लिए हड़ताल और हल्दी से सफेद कोरे कागज पर शत्रु की प्रतिमा अंकित करे अब उस शत्रु का ध्यान करते हुए इक्कीस दिन तक हर दिन देवी बगलामुखी के एक हजार मंत्रों का जप करें और जब जप पूरा हो जाये, तो चौबीस बार देवी के कवच का पाठ करें। ऐसा करने से निश्चित ही शत्रु का स्म्भन हो जाता है।