विपक्ष के भारी हंगामें के बीच ध्वनि मत से पारित हुआ विधेयक
विधेयक मतदाता सूची डेटा को आधार से जोड़ने की अनुमति देगा
कांग्रेस ने विधेयक को स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजनी की मागं की
नेशनल डेस्क: संसद के शीतकालीन सत्र में सोमवार को केंद्र सरकार ने लोकसभा में चुनाव सुधार संबंधी विधेयक पेश किया, जिसे विपक्ष के हंगामे के बीच पारित कर दिया गया। इस विधेयक में मतदाता सूची को आधार पारिस्थितिकी तंत्र से जोड़ने का प्रावधान शामिल किया गया है।
इससे मतदाता पंजीकरण अधिकारी पहचान स्थापित करने के उद्देश्य से मतदाता के रूप में पंजीकरण कराने वाले लोगों की आधार संख्या प्राप्त कर सकेंगे। विधेयक को ध्वनि मत से पारित कर दिया गया। विधेयक के पारित होने के तुरंत बाद सदन की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।
चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक 2021, मतदाता सूची डेटा को आधार से जोड़ने की अनुमति देता है और यह लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 में ‘पत्नी’ शब्द को ‘पति/पत्नी’ शब्द से बदलने का भी प्रस्ताव करता है। जिससे कानून लिंग तटस्थ हो जाता है। यह चुनावी पंजीकरण अधिकारियों को उन लोगों की आधार संख्या प्राप्त करने की अनुमति देता है जो पहचान स्थापित करने के उद्देश्य से मतदाता के रूप में पंजीकरण करना चाहते हैं।
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, इस बिल को स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजा जाना चाहिए। इसमें बहुत सारी कानूनी कमियां हैं। यह सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ है और जो हमारी निजता का उल्लंघन करता है। इससे लाखों लोगों के चुनावी अधिकार छिन सकते हैं। इस पर केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने जवाब देते हुए कहा कि स्टैंडिंग कमिटी में व्यापक चर्चा के बाद ये बिल लाया गया है। उन्होंने कहा कि हम अपनी मर्जी से ये बिल नहीं लाए हैं। कमिटी ने वोटर डेटा को आधार से लिंक करने का प्रस्ताव दिया था।