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जातिगत जनगणना के पक्ष में कांग्रेस, विपक्ष की एकजुटता पर जोर

  • जातिगत जनगणना के पक्ष में उतरी कांग्रेस

  • 2024 के लिए सियासी प्लान तैयार

  • विपक्ष की एकजुटता पर जोर

नई दिल्ली: कांग्रेस के रायपुर महाधिवेशन के अंतिम दिन जारी घोषणापत्र रायपुर की हुंकार में भाजपा और संघ की नीतियों के खिलाफ कभी समझौता न करने का ऐलान किया गया है। दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों पर फोकस करते हुए पार्टी ने कई वादे किए हैं। इसके साथ ही कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी,राजद और जदयू की ओर से की जा रही जाति आधारित जनगणना की मांग का भी समर्थन किया है।

कांग्रेस के इस फैसले से आने वाले दिनों में मोदी सरकार पर जाति आधारित जनगणना का दबाव बढ़ना तय माना जा रहा है। इसके साथ ही पार्टी ने भाजपा के खिलाफ 2024 की बड़ी सियासी लड़ाई में समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों के बीच एकजुटता की वकालत की है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत विपक्षी दलों के कई प्रमुख नेता पहले ही भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों के एकजुट होने पर जोर देते रहे हैं।

रायपुर में हुए कांग्रेस के महाधिवेशन के आखिरी दिन जारी घोषणापत्र में पार्टी ने कहा है कि भाजपा की तानाशाही, सांप्रदायिक राजनीति और पक्षपातपूर्ण पूंजीवादी आक्रमण के खिलाफ पार्टी का संघर्ष आगे भी जारी रहेगा। पार्टी के घोषणापत्र में कहा गया है कि कांग्रेस अकेली ऐसी पार्टी है जिसने भाजपा के साथ कभी समझौता नहीं किया। भाजपा का मुकाबला करने के लिए पार्टी ने समान विचारधारा वाले दलों के साथ मिलकर काम करने पर जोर दिया है।

पार्टी का मानना है कि भाजपा को हराने के लिए समान सोच वाले दलों को एक मंच पर इकट्ठा होना चाहिए। पार्टी ने कहा कि कांग्रेस समान राजनीतिक विचारधारा वाले दलों के साथ एक साझा और रचनात्मक कार्यक्रम के आधार पर काम करने के लिए तैयार है। कांग्रेस की सोच को 2024 में विपक्ष के बड़े सियासी प्लान का आधार माना जा रहा है। यदि इस घोषणापत्र के मुताबिक कांग्रेस अन्य विपक्षी दलों को एकजुट करने में कामयाब रही तो भाजपा की चुनौतियां बढ़ना तय माना जा रहा है।

पार्टी के घोषणापत्र में एक उल्लेखनीय बात जाति आधारित जनगणना का समर्थन किया जाना है। पार्टी ने कहा कि सामाजिक बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए जाति आधारित जनगणना महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। केंद्र सरकार की ओर से इनकार किए जाने के बावजूद बिहार में नीतीश सरकार ने जातिगत जनगणना का काम शुरू करा दिया है।

उत्तर प्रदेश में विधानसभा के बजट सत्र के दौरान समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने यूपी में भी जातिगत जनगणना कराने की मांग की। हालांकि योगी सरकार की ओर से इस मांग को ठुकरा दिया गया है। अब कांग्रेस ने भी जाति आधारित जनगणना की मांग की है। कांग्रेस की ओर से इस मांग को किया जाना विपक्षी एकजुटता की दिशा में बढ़ाया गया महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

पार्टी ने कहा कि राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव काफी अहम साबित होंगे और 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए इन नतीजों से बड़ा सियासी संदेश निकलेगा। इसलिए पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं को कांग्रेस की चुनावी संभावनाओं को मजबूत बनाने के लिए पूरी एकजुटता के साथ काम करना चाहिए।

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