श्रीयंत्र : हिंदू धार्मिक शास्त्रों के अनुसार मां लक्ष्मी की कृपादृष्टि से जीवन में खुशहाली बनी रहती है। आर्थिक परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए लोग माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं। वहीं ज्योतिष शास्त्र की माने तो अगर आप चाहते कि मां लक्ष्मी की कृपादृष्टि आप पर हमेशा बनी रहे तो घर में श्रीयंत्र की स्थापना और इसकी पूजा बहुत लाभकारी मानी गई है। माना जाता है कि श्रीयंत्र की विधि विधान से पूजा करने पर जीवन में हमेशा सुख-समृद्धि और सौभाग्य बना रहता है। लेकिन श्रीयंत्र की पूजा में कुछ खास नियमों का ध्यान रखना भी बेहद आवश्यक होता है अन्यथा उचित फल की प्राप्ति नहीं हो पाती। तो आइए जानते हैं श्रीयंत्र की पूजा विधि –
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर यंत्र की आकृति, उस पर अंकित चिन्हों और अंकों का विशेष महत्व होता है। इसलिए यंत्र लेते समय इन बातों का खास ध्यान रखे जैसे वो सही तरीके से बना है या नहीं, क्योंकि गलत तरीके से बनी यंत्र की पूजा से कोई फल नहीं मिलता।
श्रीयंत्र की स्थापना अगर आप घर मे कर रहे हैं तो इस यंत्र को भी अपने घर के पूजा स्थल में स्थापित करें और नियम से रोजाना अन्य देवी-देवताओं के साथ इस यंत्र की पूजा करें। खासतौर पर शुक्रवार के दिन लक्ष्मी माता के साथ श्रीयंत्र की पूजा करनी चाहिए।
श्रीयंत्र की पूजा के साथ रोजाना नियमित रूप से ‘श्री महालक्ष्म्यै नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए इससे मां लक्ष्मी की खास कृपा प्राप्त होती है और जीवन की सभी समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
कैसे करें यंत्र की स्थापना-
किसी ज्योतिषी या किसी विद्वान व्यक्ति से श्रीयंत्र को स्थापित करने के लिए शुभ मुहूर्त की जानकारी ले लें। इसके बाद उस मुहूर्त वाले दिन प्रातः जल्दी स्नान करके साफ वस्त्र धारण करें। इसके पश्चात यंत्र को गंगाजल और पंचामृत से शुद्ध कर लें। फिर ईशान कोण में एक लाल कपड़े के ऊपर इस यंत्र को स्थापित करें। कुछ बातों का विशेष ध्यान रखे ।जैसे कि श्रीयंत्र की स्थापना के समय आपका मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ होना चाहिए।