जोशीमठ में दरार की वजह से लोग शिफ्ट हो रहे शिफ्ट
भू-धंसाव को लेकर कंट्रोल रुम स्थापित
बड़ी परियोजनाओं पर रोक लगाएं
(नेशनल डेस्क) उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव ने अब विकराल रूप ले लिया है। अब स्थिति यह है कि भू-धंसाव ने अब सभी वार्डों को चपेट में ले लिया है। सोमवार रात को अचानक मकानों में दरारें आने लगीं जिससे पूरे नगर में दहशत फैल गई।अब स्थिति यह है कि भू-धंसाव ने अब सभी वार्डों को चपेट में ले लिया है. प्रशासन वहां रह रहे परिवारों को शिफ्ट करा रहा है. जमीन से निकल रहा पानी खेतों तक पहुंच रहा है. इस आपदा पर वहां के साधु-संतों ने भी चिंता जताई है.
जोशीमठ शहर में अनियंत्रित तरीके से हुए निर्माण की बात भी सामने आई है. शहर की कैपेसिटी को देखते हुए यहां निर्माण नहीं हुए. बल्कि सात-सात मंजिला होटल यहां बनाए गए, जिससे चिंता और बढ़ गई है. यही वजह है कि शासन स्तर पर इसको लेकर अलग से एक बैठक की जाएगी, जिसमें निर्माण को लेकर क्या प्लान होना चाहिए उसपर निर्णय लिया जाएगा. आपदा सचिव रंजीत सिन्हा ने बताया कि अभी जोशीमठ में ऐसे मकानों के पहले फेज में शिफ्ट किया जाएगा, जहां पर दरारें ज्यादा है. शासन स्तर पर ऐसे लोगों की सुरक्षा के लिए उन्हें अलग स्थानों पर शिफ्ट किया जाएगा. ऐसे घरों को तत्काल दूसरी जगहों पर विस्थापित किया जाएगा, ताकि किसी बड़े संकट के बचा जा सके.
अधिकारियों ने बताया कि जेपी कंपनी के परिसर में चल रहे पोस्ट ऑफिस को भी दूसरी जगह ले जाया गया है. यह पोस्ट ऑफिस जोशीमठ का मुख्य डाकघर है. ज्योतिर्मठ परिसर के भवनों में भी दरारें आ गई हैं. लक्ष्मी नारायण मंदिर के आसपास बड़ी-बड़ी दरारें आई हैं. ज्योतिर्मठ के प्रभारी ब्रह्मचारी मुकुंदानंद के मुताबिक, लक्ष्मी नारायण मंदिर और सभागार में भी दरारें पड़ी हैं. वहीं, इस मामले में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने भी भू-धंसाव पर चिंता जताई है.
ज्योतिर्मठ के मीडिया प्रभारी डा. बृजेश सती ने बताया कि ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने भू-धंसाव पर चिंता जताई है। शंकराचार्य ने कहा है कि सरकार को इस विषय पर गंभीरता से काम करना चाहिए। शंकराचार्य की ओर से सरकार से नगर के आसपास जितनी भी जल विद्युत परियोजनाएं और बड़े प्रोजेक्ट बन रहे हैं उन पर जनहित को देखते हुए रोक लगाने की मांग की गई है। तकनीकी विशेषज्ञों की टीम से पूरे क्षेत्र का निरीक्षण करने की जरूरत है। ज्योतिर्मठ के प्रभारी ब्रह्मचारी मुकुंदानंद ने बताया कि जल्द ही मठ की ओर से आपदा सेवालय कक्ष स्थापित किया जाएगा।
जेपी कंपनी के परिसर में संचालित होने वाले पोस्ट ऑफिस को जोशीमठ के मुख्य डाकघर में शिफ्ट कर दिया गया है। बुधवार को कार्यालय का सारा सामान हटा दिया गया है। पोस्ट ऑफिस के अधिकारी एन लोहानी ने बताया कि पानी के रिसाव होने से परिसर में संचालित पोस्ट ऑफिस खतरे की जद में आ गया था। जिसके चलते इसे जोशीमठ के डाकघर में हस्तांतरित कर दिया गया है। जोशीमठ नगर में भू-धंसाव की समस्या को लेकर जिला प्रशासन ने जोशीमठ तहसील में प्रभावित लोगों को त्वरित राहत एवं किसी भी प्रकार की समस्या के समाधान के लिए कंट्रोल रुम स्थापित किया है। जिसका दूरभाष नंबर 8171748602 है। किसी भी सहायता के लिए प्रभावित परिवार इस हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क कर सकते हैं।