काशी विश्वनाथ मंदिर की आरती हुई महंगी
पुजारियों का होगा ड्रेस कोड
एक मार्च से लागू होंगी नई दरें
यूपी डेस्क: काशी विश्वनाथ में भगवान भोले के भक्तों को महंगाई का झटका लगा है। काशी विश्वनाथ मंदिर में आरती के टिकट के दाम बढ़ा दिए गए हैं। अभी तक काशी विश्वनाथ मंदिर में आरती के लिए 350 रुपए और भोग आरती के लिए 180 रुपए देने होते थे लेकिन नई व्यवस्था के तहत मंगला आरती के लिए जहां श्रद्धालुओं को 500 रुपये देने होंगे, वहीं सप्तऋषि, श्रृंगार, भोग और मध्याह्न भोग आरती के लिए टिकट के रूप में 300 रुपये खर्च करने होंगे। काशी विश्वनाथ न्यास परिषद की बैठक में कीमत बढ़ाने का फैसला किया गया है।
बोर्ड बैठक के बाद दाम बढ़ाने पर मुहर लगाई गई है। मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए टिकट के दाम बढ़ाने का फैसला लिया गया है। वहीं ट्रस्ट के सदस्यों ने मुद्दा उठाया कि मैदागिन और गोदौलिया पर वाहनों को रोक दिए जाने के कारण दर्शनार्थियों को मंदिर तक पहुंचने में घोर असुविधा का सामना करना पड़ता है। ऐसे में मंदिर की ओर से पहल करते हुए सुविधा के कार्य कराने की मांग उठी। इस पर ट्रस्ट के सदस्यों सहित सभी अधिकारियों ने इसकी फीजिबिलिटी चेक कराकर नगर निगम या यातायात विभाग का सहयोग लेने की बात कही है।
मंदिर के अध्यक्ष प्रो. नागेंद्र पांडे ने कहा मंदिर की गरिमा और व्यवस्था को सुधारने में अधिकारियों के साथ ट्रस्ट के सदस्यों की भी जिम्मेदारी है, इसलिए पुजारियों, अर्चकों के लिए ड्रेस कोड निर्धारित किया गया है। ट्रस्ट की तरफ से दो-दो सेट ड्रेस उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके अलावा धाम में साल भर के धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन के लिए कैलेंडर तैयार करने का निर्णय लिया। एक आंतरिक समिति का गठन कर ट्रस्ट की डायरी मार्च तक छपवाने का लक्ष्य तय किया गया।
न्यास ने श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास की ओर से काशी हिंदू विश्वविद्यालय एवं संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के स्नातक एवं स्नातकोत्तर के समस्त पाठ्यक्रम में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले छात्र व छात्राओं को 10 हजार वार्षिक छात्रवृत्ति दिए जाने का निर्णय लिया गया। मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने वर्ष 2022-23 के लिए कुल 105 करोड़ की आय और 40 करोड़ के खर्च का लक्ष्य रखा। पिछली बैठक के अनुपालन आख्या भी प्रस्तुत की। न्यास सदस्यों ने मंदिर परिसर में की गई वास्तु पूजा और देव गैलरी निर्माण में पूजा कराने वाले विद्वानों और निर्माण कार्य मे सहयोगियों को धन्यवाद दिया।