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Fake Video Case: मनीष कश्यप के बाद एक अन्य आरोपी गिरफ्तार

  • यूट्यूबर मनीष कश्यप के बाद एक अन्य आरोपी गिरफ्तार

  • तमिलनाडु पुलिस मनीष कश्यप को लेगी रिमांड पर

  • बिहार में 14 और तमिलनाडु में 13 मामले दर्ज हैं

National Desk. तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों के साथ कथित तौर पर मारपीट और हिंसा के बारे में अफवाह फैलाने को लेकर दोनों राज्यों की पुलिस एक्शन मोड में है। बिहार और तमिलनाडु दोनों राज्यों में इस मामले में शामिल लोगों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई हो रही है। बिहार में इस मामले में कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। सबसे बड़ी गिरफ्तारी पिछले दिनों चर्चित यूट्यूबर मनीष कश्यप की हुई। इस बीच एक और शख्स को बिहार के मुजफ्फरनगर जिले से गिरफ्तार किया गया है, जिसे मुख्या आरोपी बताया जा रहा है।

जानकारी के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए शख्स का नाम उपेंद्र सहनी है। पुलिस का कहना है मजदूरों के साथ मारपीट का फर्जी वीडियो सहनी के मोबाइल से ही वायरल हुआ था। तमिलनाडु पुलिस ने उसे बिहार पुलिस की मदद से मुजफ्फरपुर के सदर थाना इलाके के एक कोल्ड स्टोरेज से गिरफ्तार किया है। उसके खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं और आईटी एक्ट में केस दर्ज है।

तमिलनाडु पुलिस लेगी रिमांड पर

तमिलनाडु पुलिस आरोपी उपेंद्र सहनी को अपने साथ ले जाएगी। सहनी के ट्रांजिट रिमांड के लिए पुलिस ने मुजफ्फरपुर कोर्ट में अपील की है। मुजफ्फरपुर सदर थाना के इंस्पेक्टर मनोज कुमार साह ने इसकी पुष्टि की है। तमिलनाडु पुलिस उपेंद्र को हिरासत में लेने के बाद उससे फेक वीडियो केस के मामले में पूछताछ करेगी।

तमिलनाडु के तिरूपुर में बिहार के मजदूरों के साथ कथित हिंसा का फेक वीडियो वायरल करने के मामले में विवादित यूट्यूबर मनीष कश्यप की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। कश्यप इस मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद फरार चल रहा था लेकिन पुलिस की सख्ती और घर की कुर्की – जब्ती को देखते हुए उसने सरेंडर कर दिया। वह 22 मार्च तक न्यायिक हिरासत में है।

मनीष कश्यप उर्फ त्रिपुरारी तिवारी पर बिहार में 14 और तमिलनाडु में 13 मामले दर्ज हैं। उसे ट्रांजिट रिमांड पर लेने के लिए तमिलनाडु पुलिस की 4 सदस्यीय टीम बिहार पहुंच चुंकी है। जानकारी के मुताबिक, तमिलनाडु पुलिस जल्द कोर्ट में मनीष के रिमांड के लिए अपील दायर करेगी।

बता दें कि जब किसी राज्य की पुलिस अन्य राज्य में किसी आरोपी को गिरफ्तार करती है तो उसे संबंधित राज्य की अदालत से परमिशन लेनी होती है। इसे ही ट्रांजिट रिमांड कहते हैं।

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