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विदेशी निवेशकों ने जनवरी में शेयरों से 28,852 करोड़ रुपए निकाले, सात माह में सबसे ऊंची निकासी

  • बाजारों की तुलना में भारतीय बाजार का प्रदर्शन कमजोर है

  • एफपीआई ने शेयरों में 11,119 करोड़ रुपए डाले थे

  • एफपीआई ने शेयरों से शुद्ध रूप से 28,852 करोड़ रुपये की निकासी की

नई दिल्ली। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने जनवरी में भारतीय शेयर बाजारों से 28,852 करोड़ रुपये निकाले हैं। यह पिछले सात माह का एफपीआई निकासी का सबसे ऊंचा आंकड़ा है। चीन का आकर्षण बढ़ने के बीच एफपीआई भारतीय बाजार में बिकवाली कर रहे हैं। डिपॉजिटरी के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। इससे पहले दिसंबर में एफपीआई ने शेयरों में 11,119 करोड़ रुपए डाले थे। नवंबर में उन्होंने शेयर बाजारों में 36,238 करोड़ रुपए का निवेश किया था।

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कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी शोध प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा कि आगे चलकर एफपीआई प्रवाह में उतार-चढ़ाव रहेगा, क्योंकि अन्य बाजारों की तुलना में भारतीय बाजार का प्रदर्शन कमजोर है। आंकड़ों के मुताबिक, एफपीआई ने जनवरी में शेयरों से शुद्ध रूप से 28,852 करोड़ रुपये की निकासी की।

यह जून, 2022 के बाद से एफपीआई की निकासी का सबसे ऊंचा आंकड़ा है। उस समय उन्होंने शेयरों से 50,203 करोड़ रुपये निकाले थे। जनवरी में निकासी के बाद फरवरी के पहले सप्ताह में शेयरों से एफपीआई की निकासी 5,700 करोड़ रुपये से अधिक रही है।

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि एफपीआई भारत में बिकवाली कर रहे हैं और चीन, हांगकांग और दक्षिण कोरिया जैसे सस्ते बाजारों में खरीदारी कर रहे हैं, क्योंकि वहां मूल्यांकन आकर्षक है।

एफपीआई की अन्य सस्ते बाजारों की ओर रुख करने की रणनीति से भारतीय बाजारों का प्रदर्शन कमजोर हुआ है। इस साल अबतक चीन, हांगकांग और दक्षिण कोरिया के बाजार में क्रमश: 4.71 प्रतिशत, 7.52 प्रतिशत और 11.45 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि भारत में 1.89 प्रतिशत की गिरावट आई है।

मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि एफपीआई ने आम बजट और अमेरिकी केंद्रीय बैंक की बैठक से पहले सतर्कता का रुख अपनाया। दिलचस्प बात यह है कि बाद में दोनों ही संकेतक सकारात्मक रहे। आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने समीक्षाधीन अवधि में ऋण या बॉन्ड बाजार में 3,531 करोड़ रुपए डाले हैं।

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