पंजाब नेशनल बैंक के एक अधिकारी के खिलाफ धोखाधड़ी का आरोप
34 फर्जी बैंक गारंटियों के जरिये 168.59 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी
बैंक अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है
(नई दिल्ली)पंजाब नेशनल बैंक के एक अधिकारी के खिलाफ 34 फर्जी बैंक गारंटियों के जरिये कथित रूप से 168.59 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में एफआईआर दर्ज की है। यह बैंक अधिकारी अब निलंबित है।मेहुल चोकसी-नीरव मोदी की जोड़ी द्वारा कथित रूप से साख पत्र या गारंटी के जरिये किए गए घोटाले के करीब चार साल बाद इसी तरह का यह पहला मामला है.
प्राथमिकी के अनुसार, 27 नवंबर, 2022 की अंतरिम जांच रिपोर्ट के अनुसार, यह तथ्य सामने आया है कि बैंक की प्रणाली के अवैध और अनधिकृत उपयोग के माध्यम से कुछ अज्ञात व्यक्तियों की मिलीभगत से बैंक कर्मचारियों द्वारा धोखाधड़ी को अंजाम दिया गया है। इसके अलावा इन फर्जी बैंक गारंटी का बैंक की फिनेकल प्रणाली में कोई रिकॉर्ड नहीं है।यह नया घोटाला तब सामने आया जब केनरा बैंक की कोहिमा शाखा ने 18 नवंबर को पीएनबी की संसद मार्ग शाखा को 5.70 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी कथित तौर पर जारी करने की सूचना भेजी।
सीबीआई ने कहा कि गारंटी पर तत्कालीन शाखा प्रबंधक प्रिय रंजन कुमार सहित पीएनबी के दो कर्मचारियों ने हस्ताक्षर किए थे, जिन्हें अब निलंबित कर दिया गया है। ए वेंकटेशन ने यह घोटाला सामने आने के बाद पहले ही इस्तीफा दे दिया था।एजेंसी ने प्राथमिकी में इलांगबम रानानंदा, हेई ग्लोबल एंटरप्राइजेज, नोएडा और आंध्र प्रदेश स्थित एमडी एंटरप्राइजेज को भी नामजद किया है. कुमार ने कथित तौर पर केनरा बैंक को बैंक गारंटी के बारे में सूचित करने के लिए स्ट्रक्चर्ड फाइनेंशियल मेसेजिंग प्रणाली (एसएफएमएस) का इस्तेमाल किया. लेकिन इस सूचना को पीएनबी की फिनेकल प्रणाली में नहीं डाला.