प्रियंका वाड्रा ने अजय मिश्रा को बर्खास्त करने की मांग की
कानून के मुताबिक केस दर्ज करने की मांग की
लखीमपुर हिंसा में अजय मिश्रा के पुत्र हैं मुख्य आरोपी
नेशनल डेस्क: कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा ने लखीमपुर खीरी मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) के आवेदन की पृष्ठभूमि में बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा को बर्खास्त करने से इनकार करना केंद्र सरकार के ‘नैतिक दिवालियेपन’ का सबसे स्पष्ट संकेत है। उन्होंने यह भी कहा कि मिश्रा को बर्खास्त कर उनके खिलाफ कानून के मुताबिक मामला दर्ज होना चाहिए।
कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी ने ट्वीट किया, ‘‘अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त करने से सरकार का इनकार उसके नैतिक दिवालियेपन का सबसे स्पष्ट संकेत है। नरेंद्र मोदी जी, सावधानीपूर्वक धार्मिकता का प्रदर्शन करने और धार्मिक वस्त्र धारण करने से यह तथ्य नहीं बदल जाएगा कि आप एक अपराधी को बचा रहे हैं।’’ उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त किया जाना चाहिए और कानून के मुताबिक मामला दर्ज करना चाहिए।’’
The government’s refusal to sack Ajay Mishra Teni is the starkest indication of its moral bankruptcy. @narendramodi ji, carefully curated spectacles of piety and wearing religious attire will not change the fact that you are protecting a criminal.. 1/2
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) December 16, 2021
गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने अब तक की छानबीन और साक्ष्यों के आधार पर दावा किया है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के पुत्र और उसके सहयोगियों द्वारा जानबूझकर, सुनियोजित साजिश के तहत घटना को अंजाम दिया गया।
एसआईटी के मुख्य जांच निरीक्षक विद्याराम दिवाकर ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) की अदालत में दिये गये आवेदन में आरोपियों के विरुद्ध उपरोक्त आरोपों की धाराओं के तहत मुकदमा चलाने का अनुरोध किया है।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के पुत्र आशीष मिश्रा मोनू और कुछ अन्य लोगों पर लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को प्रदर्शन कर रहे किसानों को जीप से कुचलने का आरोप है। इस घटना में और इसके बाद भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी।